RBI MPC Meeting: आपकी EMI बढ़ने के आसार हैं। RBI बुधवार को इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का ऐलान कर सकता है। इसका सीधा असर आपकी ईएमआई पर पड़ेगा। RBI की Monetary Policy Committee (MPC) की बैठक सोमवार (6 जून) को शुरू होगी। तीन दिन चलने वाली यह बैठक 8 जून यानी बुधवार को खत्म होगी। इस बैठक में इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का फैसला हो सकता है।
RBI के सामने अभी सबसे बड़ा चैलेंज तेजी से बढ़ता इनफ्लेशन है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे कंट्रोल में करने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार दूसरे महीने इंटरेस्ट रेट (Repo Rate) बढ़ा सकता है। आरबीआई गवर्नर जून की एमपीसी की बैठक में रेपो रेट बढ़ने का संकेत पहले ही दे चुके हैं। माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट 0.35 फीसदी बढ़ा सकता है।
मई में RBI ने रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ाया था। उसने अचानक बुलाई गई MPC की बैठक में यह फैसला लिया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले कुछ महीनों में रेपो रेट में वृद्धि का सिलसिला जारी रह सकता है। अमेरिका में भी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट को कई बार बढ़ाने का ऐलान कर चुका है। अमेरिका में भी इनफ्लेशन बढ़कर 40 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।
इंडिया में रिटेल इनफ्लेशन 8 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर है। अप्रैल में यह बढ़कर 7.79 फीसदी पर पहुंच गया। मार्च में यह 6.95 फीसदी था। इसकी वजह कमोडिटी की कीमतों में उछाल है। यूक्रेन क्राइसिस की वजह से दुनियाभर में क्रूड ऑयल सहित दूसरे कमोडिटी की कीमतें बढ़ी हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि जून की क्रेडिट पॉलिसी न सिर्फ रेपो रेट में बदलाव के लिहाज से अहम है बल्कि इससे ग्रोथ और इनफ्लेशन को लेकर RBI के अनुमान के बारे में भी पता चलेगा। उन्होंने कहा, "रेपो रेट का बढ़ना करीब तय है। इसे 0.25-0.35 फीसदी बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि मई में MPC की मीटिंग के मिनट्स से यह संकेत मिला है कि एमपीसी के सदस्य एक बार में रेपो रेट को ज्यादा बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है।"
RBI के रेपो रेट बढ़ाने के बाद बैंक होम लोन, ऑटो लोन सहित सभी तरह के लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ाना शुरू कर देते हैं। पिछले महीने रेपो रेट बढ़ने के तुरंत बाद छोटे-बड़े बैंकों ने लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ाने शुरू कर दिए थे।
सरकार ने महंगाई को बढ़ने से रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। उसने पेट्रोल-डीजल पर ड्यूटी घटाई है। कुछ खाद्य तेलों पर भी ड्यूटी में कमी की गई है। गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी गई है। चीनी के एक्सपोर्ट के लिए अधिकतम सीमा तय कर दी गई है।