Patna Protest: पटना में प्रदर्शन कर रहे BPSC छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, सीएम नीतीश कुमार से मिलने जा रहे थे छात्र

BPSC Students Protest: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर रविवार (29 दिसंबर) को पटना के गांधी मैदान में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों के साथ उनके विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। बीपीएससी के अभ्यर्थी 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए फिर से एग्जाम आयोजित करने की मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं

अपडेटेड Dec 29, 2024 पर 8:10 PM
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BPSC Protest: प्रदर्शनकारी पटना में एक सप्ताह से अधिक समय से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं (फाइल फोटो- PTI)

BPSC 70th CCE prelims re-exam row: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के कथित पेपर लीक मामले को लेकर विवाद अब गतिरोध का रूप लेता दिख रहा है। बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में 70वीं BPSC प्रीलिम्स की दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने रविवार (29 दिसंबर) को लाठीचार्ज किया। प्रीलिम्स एग्जाम दोबारा कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का पटना के गांधी मैदान में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस विरोध प्रदर्शन में जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर भी मौजूद हैं। प्रदर्शनकारी एक सप्ताह से अधिक समय से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। एक बार तो उन्होंने बीपीएससी परिसर में घुसने की कोशिश भी की थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की थी।

पहले से निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक प्रदर्शनकारी प्रशांत किशोर की अगुवाई में सीएम नीतीश कुमार के आवास जाने लगे। जेपी गोलंबर होते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे छात्रों को पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद अभ्यर्थियों ने पुलिस बैरिकेड को तोड़ दी और आगे बढ़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने छात्रों को रोकने के लिए उनपर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज के बाद वहां भगदड़ जैसा माहौल हो गया।

BPSC का एग्जाम दोबारा कराने से इनकार


बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि राज्यभर में 13 दिसंबर को आयोजित हुई 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (सीपीई) 2024 को पेपर लीक के आरोपों के कारण रद्द नहीं किया जाएगा। पीटीआई के मुताबिक बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने कहा, "13 दिसंबर को आयोजित पूरी बीपीएससी परीक्षा रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है। बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर केंद्र पर आयोजित प्रारंभिक परीक्षा को केवल परीक्षा में व्यवधान डालने की साजिश के तहत उपद्रवी अभ्यर्थियों के एक समूह द्वारा उत्पन्न व्यवधान के कारण रद्द करने का निर्णय लिया है। पुनः परीक्षा चार जनवरी को शहर के किसी अन्य केंद्र पर आयोजित की जाएगी।"

सिंह ने कहा, "हमें जानकारी मिली है कि निजी कोचिंग संस्थानों का एक समूह अभ्यर्थियों को भड़का रहा है। और वे पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों को संगठित कर रहे हैं। उनकी मांग निराधार है।" बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई राजनीतिक हस्तियां प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतर आई हैं। अभ्यर्थियों का एक समूह राज्यभर में 13 दिसंबर को आयोजित हुई बीपीएससी की पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहा है।

राजनीति हुई तेज

पिछले सप्ताह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शहर के गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात कर उनके साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की थी। यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर परीक्षा रद्द करने की मांग भी की थी। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी इसी तरह के संकेत किए हैं।

इसके अलावा, जन सुराज पार्टी ने भी परीक्षा रद्द करने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और इसके संस्थापक प्रशांत किशोर एक दिन पहले धरना स्थल पर गए थे, जहां उन्होंने सरकार को तीन दिन के भीतर संकट को हल करने की चेतावनी दी दी थी। उन्होंने कहा था कि नहीं तो वह स्वयं विरोध का नेतृत्व करेंगे।

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