जब सरकार का बखान ना करने पर किशोर कुमार की आवाज पर लगा 'आपातकाल', लगा था बैन

आपातकाल के उस दौर में इसका शिकार हुए थे मशहूर गायक किशोर कुमार। वो जो सोच लेते थे फिर उससे समझौता नहीं करते थे। अपने इन्हीं वसूलों के चलते उनके गानों को बैन कर दिया गया था। 1970 के दशक तक किशोर कुमार बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय गायकों में से एक बन चुके थे। लेकिन 1975 में आपातकाल के दौरान उनके करियर को झटका लगा था

अपडेटेड Feb 11, 2025 पर 9:46 AM
Story continues below Advertisement
जब किशोर कुमार के गानों पर लगा था बैन

kishore kumar: किशोर कुमार सिर्फ एक सिंगर ही नहीं बल्कि उस दौर में एक ऐसी आवाज थे, जिसे सुनकर लोगों को सुकून मिलता था। वह भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े संगीत आइकन में से एक हैं। उनकी जादुई आवाज ने दशकों तक लोगों के दिलों पर राज किया। आज भी उनकी आवाज का जादू लोगों पर बरकरार है। लेकिन 1975-1977 के आपातकाल के दौरान, जब इंदिरा गांधी की सरकार थी। किशोर कुमार एक राजनीतिक विवाद में फंस गए।

जब उन्होंने सरकार के दबाव में आने से इनकार किया, तो उनके गानों को ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से बैन कर दिया गया। लेकिन इन मुश्किलों के बावजूद, किशोर कुमार के गानों की लोकप्रियता कम नहीं हुई और उनकी संगीत विरासत आज भी लोगों के दिलों में बनी हुई है।

जब किशोर कुमार पर लगा था बैन


1970 के दशक तक किशोर कुमार बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय गायकों में से एक बन चुके थे। लेकिन 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान उनके करियर को झटका लगा। आपतकाल के दौरान सरकार ने मीडिया पर सख्त पाबंदी था और सरकार ने प्रेस पर सेंसरशिप लागू हो कर दी थी। इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने कई सुधार लागू करने के लिए एक प्रोगाम की शुरुआत की। बॉलीवुड को इसका समर्थन करने के लिए कहा गया। सरकार चाहती थी कि अभिनेता और गायक उसके संदेश को लोगों तक पहुंचाने में मदद करें।

जनवरी 1976 में, संजय गांधी के सुझाव पर सरकार ने गीतों भरी शाम नामक एक कार्यक्रम बनाया, जिसका मकसद सरकारी योजनाओं का प्रचार करना था। इसमें किशोर कुमार को भी शामिल करने की मांग की गई। इस मामले की शुरुआत तब हुई जब सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारी सैयद मुजफ्फर हुसैन बर्नी ने दिल्ली से किशोर कुमार को फोन किया।

AIR और दूरदर्शन से बैन

किशोर कुमार अपने बेबाक और स्वतंत्र स्वभाव के लिए मशहूर थे। जब सरकार ने उन्हें कार्यक्रम में गाने के लिए कहा, तो उन्होंने साफ मना कर दिया। सालों बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "कोई मुझसे जबरदस्ती कुछ नहीं करवा सकता। मैं सिर्फ अपनी मर्जी से गाता हूं, किसी के कहने पर नहीं।" किशोर कुमार के सरकारी आदेश मानने से इनकार करने पर काफी विवाद हुआ। अधिकारी सीबी जैन ने उन्हें "असहयोगी" कहा, जिससे सरकार ने सख्त कदम उठाए। उनके गाने तीन महीने के लिए ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से बैन कर दिए गए और रिकॉर्ड कंपनियों पर उनकी बिक्री रोकने का दबाव डाला गया। एचएमवी ने इस आदेश को माना लेकिन पॉलीडोर ने विरोध किया। यहां तक कि उनकी फिल्मों को सेंसर प्रमाणपत्र न देने और बीबीसी जैसे विदेशी चैनलों पर उनके गाने न चलने देने की भी बात हुई।

ऐसे हुआ सुलह

हालांकि इनसे सख्त बैन के बावजूद किशोर कुमार की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं रहेगी। आखिरकार किशोर के परिवार से नाता रखने वाले मंत्री विद्या चरण शुक्ला ने सुलह की कोशिश की। 14 जून 1976 को किशोर ने सरकार से सहयोग करने की इच्छा जताई और दो दिन बाद, 16 जून को प्रतिबंध हटा लिया गया। ऑल इंडिया रेडियो ने उनकी वापसी का जश्न 'दुखी मन मेरे' गीत बजाकर मनाया। उनकी आवाज फिर से देशभर के रेडियो पर गूंजने लगी, जिससे उनके प्रशंसकों को बड़ी खुशी मिली।

Ranveer Allahbadia: 'ये हमारा इंडियन कल्चर नहीं', रणवीर इलाहाबादिया के पॉडकास्ट में नहीं जाएंगे सिंगर बी प्राक, वीडियो शेयर कर दी जानकारी

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।