G20 Summit: भारत-मध्य पूर्व जहाज, रेल कॉरिडोर पर समर्थन के लिए तैयार अमेरिका और EU

G20 Summit: रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि इस योजना को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित नेताओं की तरफ से सहमत एक मेमोरेंडम के जरिए G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर एक कार्यक्रम में आधिकारिक तौर पर लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। प्रोजेक्ट के संबंध में चर्चा कई महीनों से चल रही है, जिसमें एक नया अंडरसी केबल और एनर्जी ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल होगा

अपडेटेड Sep 09, 2023 पर 6:43 PM
Story continues below Advertisement
G20 Summit: भारत-मध्य पूर्व जहाज, रेल कॉरिडोर पर समर्थन के लिए तैयार अमेरिका और EU

नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के लिए सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का जमावड़ लगा है। इस दौरान अमेरिका और यूरोपीय संघ एक नए जहाज और रेल गलियारे (Ship and Rail Corridor) के विकास का समर्थन करने के लिए तैयार हैं, जो भारत को मध्य पूर्व से जोड़ेगा और संभावित रूप से इसे और भी आगे बढ़ाएगा। लंदन अखबार Financial Times ने कहा कि क्षेत्र में चीन के आर्थिक प्रभाव को चुनौती देने के मकसद से, प्रस्तावित इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) तक जाएगा।

रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि इस योजना को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित नेताओं की तरफ से सहमत एक मेमोरेंडम के जरिए G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर एक कार्यक्रम में आधिकारिक तौर पर लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।

प्रोजेक्ट के संबंध में चर्चा कई महीनों से चल रही है, जिसमें एक नया अंडरसी केबल और एनर्जी ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल होगा।


MoU के लॉन्च के साथ, ये बातचीत ज्यादा औपचारिक फेज में चली जाएगी। अखबार ने बातचीत में शामिल एक वरिष्ठ पश्चिमी अधिकारी के हवाले से कहा, इस स्तर पर कोई बाध्यकारी फाइनेंशियल कमिटमेंट नहीं हुआ।

G20 Summit Delhi: G20 अब हो सकता है G21! भारत के निमंत्रण पर अफ्रीकी संघ को बनाया गया स्थायी सदस्य

रिपोर्ट में अमेरिका के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने 9 सितंबर को मीडिया से कहा, "कॉरिडोर भारत से मध्य पूर्व से यूरोप तक वाणिज्य, ऊर्जा और डेटा के प्रवाह को सक्षम करेगा।"

अखबार के अनुसार, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन परियोजना के शुभारंभ पर कह सकते हैं, “यह ऐतिहासिक से कम नहीं है। यह भारत, अरब की खाड़ी और यूरोप के बीच अब तक का सबसे सीधा संबंध होगा।

अमेरिका के लिए, प्रस्तावित परियोजना क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के लिए एक रणनीतिक झटका हो सकता है और ये ऐसे समय में आया है, जब संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब सहित वाशिंगटन के पारंपरिक अरब सहयोगी चीन, भारत और एशिया के दूसरे भागीदारों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये परियोजना संभावित रूप से भू-राजनीतिक गतिशीलता में बदलाव के बीच अमेरिका को क्षेत्र में अपनी उपस्थिति और प्रभाव बनाए रखने में मदद कर सकती है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।