दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) के पहले चरण का काम इस साल पूरा हो जाएगा। इसके बाद अगले साल से इस एक्सप्रेसवे (Expressway) पर वाहन फर्राटा भर सकेंगे। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि दिल्ली से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) तक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का पहला चरण इस साल पूरा हो जाएगा।
गडकरी ने कहा कि उनकी योजना नरीमन प्वाइंट को दिल्ली से जोड़ने की है, जिससे यह 12 घंटे का सफर तय कर सके। इस दौरान उन्होंने सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में लगभग एक करोड़ लोग साइकिल-रिक्शा चला रहे थे। उनमें से आज 80 लाख लोग ई-रिक्शा चला रहे हैं। देश में 400 स्टार्ट-अप इलेक्ट्रिक स्कूटर और ई-रिक्शा बना रहे हैं।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के बारे में जानें
98,000 करोड़ की लागत से बनकर तैयान होने वाला 1,380 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। यह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और वित्तीय राजधानी मुंबई के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi Mumbai Expressway) हरियाणा, गुरुग्राम के राजीव चौक से शुरू होकर मेवात, जयपुर कोटा, भोपाल और अहमदाबाद होते हुए मुंबई जाएगा।
सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) के अनुसार, दिल्ली से मुंबई जाने में 20 घंटे के बजाए 12 घंटे ही लगेंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से लोग अपने निजी वाहनों से आसानी से जा सकेंगे। इससे न केवल उनका समय बचेगा, बल्कि लोगों की ट्रेनों और फ्लाइट पर से निर्भरता भी कम होगी।
इसके अलावा, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरने वाले एक्सप्रेसवे की वजह से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) तक बढ़ाया जाएगा।