सरकार ने स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) के तहत आने वाली कंपनियों के लिए 'वर्क फ्रॉम होम' (WFH) के नियम जारी किए हैं। अब एसईजेड में कंपनियों को अधिकतम एक साल के लिए वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दी गई है। कपनियां मैक्सिमम अपने 50 फीसदी एंप्लॉयीज को यह सुविधा दे सकती हैं।
कॉमर्स मिनिस्ट्री के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया है। बताया गया है कि इंडस्ट्री की तरफ से वर्क फ्रॉम होम के लिए यूनिफॉर्म पॉलिसी की मांग सरकार से की गई थी। इसके बाद मिनिस्ट्री की तरफ से इस बारे में कई दौर की बातचीत हुई। इसमें मामले से जुड़े पक्षों की भी राय ली गई। उसके बाद 19 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी किया गया।
सरकार ने कहा है कि एसईजेड में एक यूनिट की खास कैटेगरी के एंप्लॉयीज के लिए वर्क फ्रॉम होम की पॉलिसी जारी की गई है। नए नियमों के तहत एसईजेड में आईटी/आईटीईएस की इकाइयां आएंगी। अस्थायी रूप से अक्षम एंप्लॉयी भी इसके तहत आएगा। ऑफसाइट वर्किंग और ट्रैवलिंग करने वाले एंप्लॉयीज भी इसके दायरे में आएंगे।
इस नियम में मैक्सिमम 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जा सकती है। लेकिन, एसईजेड के डेवलपमेंट कमिश्नर को इस मामले में खास अधिकार दिए गए हैं। वह उचित वजह बताई जाने पर 50 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दे सकता है। इसके लिए कंपनी को लिखित अप्लिकेशन देना होगा।
एसईजेड के डिसी को वर्क फ्रॉम की अवधि बढ़ाने का भी अधिकार होगा। एसईजेड की यूनिट्स की तरफ से रिक्वेस्ट आने पर वह इस अवधि को एक बार में एक साल तक के लिए बढ़ा सकता है। एसईजेड की ऐसी यूनिट्स जिसके एंप्लॉयीज पहले से घर से काम कर रहे हैं, उनके लिए एप्रूवल हासिल करने के लिए 90 दिन का ट्रांजिशन पीरियड दिया गया है।
नए नियमों के मुताबिक, एसईजेड की यूनिट्स को घर से काम करने वाले एंप्लॉयीज को इक्विपमेंट के साथ सेक्योर्ड कनेक्टिविटी की सुविधा देनी होगी। अभी देश में 8 फंक्शनल एसईजेड हैं। इनमें सांता क्रूज (महाराष्ट्र), कोचिन (केरल), कांडला एवं सूरत (गुजरात), चेन्नई (तमिलनाडु), विशाखापत्तनम (आंध्र), फालता (बंगाल) और नोएडा (यूपी) शामिल हैं।