Gurpatwant Singh Pannun Murder Plot Case: अमेरिकी अखबार 'द वाशिंगटन पोस्ट' की एक खबर में सिख अलगाववादी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश में एक भारतीय अधिकारी का नाम लिए जाने के एक दिन बाद मंगलवार (30 अप्रैल) को भारत ने जोरदार पलटवार किया। भारत ने कहा कि अखबार के खबर में एक गंभीर मामले में 'अवांछित और निराधार' आरोप लगाए गए हैं। अखबार ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से पन्नू की कथित हत्या की साजिश के संबंध में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एक अधिकारी का नाम लिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को अपने बयान में कहा, "रिपोर्ट में एक गंभीर मामले में अवांछित और निराधार आरोप लगाए गए हैं।" उन्होंने कहा, "भारत सरकार ने संगठित अपराधियों, आतंकवादियों तथा अन्य के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार द्वारा शेयर की गईं सुरक्षा चिंताओं की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है जिसकी जांच जारी है।"
जायसवाल वाशिंगटन पोस्ट की इस खबर पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, "इस पर काल्पनिक और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों की जरूरत नहीं है।" भारत में आतंकवाद के आरोपों में वांछित पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है।
पिछले साल नवंबर में अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिका में सिख अलगाववादी पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में भारत सरकार के एक आधिकारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 7 दिसंबर को संसद में कहा था कि भारत ने इस मामले में अमेरिका से प्राप्त सूचना की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की है, क्योंकि इस मामले से देश के राष्ट्रीय हित भी जुड़े हैं।
पन्नू खालिस्तान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक है और सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का कानूनी सलाहकार और प्रवक्ता है। एसएफजे का उद्देश्य एक अलग सिख राष्ट्र के विचार को बढ़ावा देना है। भारत सरकार ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया है।
अखबार की रिपोर्ट में क्या है?
'द वाशिंगटन पोस्ट' की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका में विक्रम यादव नामक RAW अधिकारी सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल थे। साथ ही अमेरिकी अखबार ने दावा किया है कि इस कदम को भारतीय जासूसी एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख सामंत गोयल ने मंजूरी दी थी।
अखबार की एक खबर में कहा गया है, "उत्तरी अमेरिका में भारत के इस अभियान से पश्चिमी देशों के सुरक्षा अधिकारी स्तब्ध रह गए।" 'द वाशिंगटन पोस्ट' की खबर में आगे कहा गया है, "विक्रम यादव की पहचान और संबद्धता पहले सामने नहीं आ पाई थी। यह खोजी रिपोर्ट आज तक का सबसे ठोस सबूत प्रदान करती है कि हत्या की साजिश भारतीय जासूसी एजेंसी ने रची थी जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने नाकाम कर दिया।"
खबर में कहा गया कि पश्चिमी देशों के वर्तमान और पूर्व सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, रिसर्च एंड एनालिसस विंग (रॉ) के शीर्ष अधिकारियों को भी CIA, FBI और अन्य अमेरिकी एजेंसियों की व्यापक जांच के तहत अभ्यारोपित किया गया है।
'द वाशिंगटन पोस्ट' अखबार का स्वामित्व 'अमेजन' के संस्थापक और अरबपति कारोबारी जेफ बेजोस के पास है। अखबार की खबर में कहा गया कि वह सीमा पार ऐसे मामलों में वृद्धि की पड़ताल कर रहा है। अखबार ने दावा किया, "अमेरिकी सरकार की आंतरिक रिपोर्ट में US खुफिया एजेंसियों ने आकलन है कि पन्नू को निशाना बनाने वाले अभियान को उस समय रॉ प्रमुख सामंत गोयल ने मंजूरी दी थी।"