बीजेपी अगर सत्ता में आती है, तो भारत की ग्लोबल मौजूदगी बढ़नी तय है। विदेश मंत्रालय दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में 19 और मिशन और पोस्ट खोलने की तैयारी में है। साथ ही, भारत का पासपोर्ट कवरेज 10 पर्सेंट आबादी तक होगा और चुनिंदा राज्यों की राजधानियों में 'विदेश भवन' भी खोले जाएंगे। यह सब कुछ 100 दिनों और 5 साल के प्लान का हिस्सा है। प्रधानमंत्री के निर्देश पर सभी मंत्रालयों ने यह प्लान तैयार किया है। पिछले एक दशक से भारत की विदेशी नीति चर्चा में रही है। खास तौर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अगुवाई में विदेशी नीति ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं।
सूत्रों ने न्यूज18 (News18) को बताया कि विदेश मंत्रालय अब 'विश्व बंधु' के तौर पर भारत की छवि को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। केंद्र सरकार प्रवासी भारतीयों के साथ ज्यादा से ज्यादा जुड़ाव रखना चाहती है और एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों के साथ गुड गवर्नेंस से जुड़ी चीजों को साझा करना चाहती है।
इस प्लान का मुख्य मकसद विदेशी मुल्कों में अगले 5 साल में 19 नए मिशन की शुरुआत कर भारत की कूटनीतिक मौजूदगी का विस्तार करना है। इसके तहत नई सरकार बनने के पहले 100 दिनों के भीतर 6 नए मिशन और 2 नए वाणिज्य दूतावास खोलने का प्लान है। दूसरा प्लान पासपोर्ट कवरेज को बढ़ाकर कुल आबादी का 10 पर्सेंट तक पहुंचाना है, जो फिलहाल 7.5 पर्सेंट है। इसके अलावा, डिजिटल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देकर डिजिलॉकर में नेक्स्ट जेनेरशन ई-पासपोर्ट की सुविधा भी दी जाएगी।
विदेश मंत्रालय की चुनिंदा राज्यों की राजधानियों में 'विदेश भवन' भी खोलने की योजना है, जिसमें पासपोर्ट ऑफिस के अलावा ICCR रीजनल ऑफिस, विदेशी मंत्रालय का ब्रांच सेक्रेटेरियट आदि होंगे। इसके तहत इंटरनेशनल माइग्रेशन और स्किल्ड वर्कर्स की यात्रा को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित और आसान बनाना है। विदेश मंत्रालय की योजना पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट (PSV) को आधार और CCTNS जैसे अन्य सरकारी डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ना है।