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India Feb PMI data : फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि 14 महीने के निचले स्तर 56.3 पर आई

PMI data : एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स पिछली तिमाही के 56.8 के एवरेज से नीचे चला गया है। फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि 14 महीने के निचले स्तर 56.3 पर आ गई है

अपडेटेड Mar 03, 2025 पर 12:11 PM
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Feb PMI data : देश के आर्थिक प्रदर्शन में सुधार के बावजूद मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट धीमी बनी हुई है। तीसरी तिमाही में भारत की ग्रोथ रेट 6.2 फीसदी पर पहुंच गई

Manufacturing PMI for February : 3 मार्च को जारी प्राइवेट सेक्टर के सर्वे के मुताबित भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि फरवरी में घटकर 56.3 के स्तर पर रह गई जो 14 महीने का न्यूनतम स्तर है। जबकि पिछले महीने यह 57.7 के पर थी। इस अवधि में नए ऑर्डर और उत्पादन में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स पिछली तिमाही के 56.8 के एवरेज से नीचे चला गया है।

HSBC की चीफ इकोनॉमिस्ट, इंडिया, प्रांजुल भंडारी ने कहा, "भारत में फरवरी में 56.3 मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई दर्ज किया गया है जो पिछले महीने के 57.7 से थोड़ा कम है, लेकिन फिर भी यह एक्सपैंशन के दायरे में है।"

बता दें कि 50 से अधिक का आंकड़ा मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में विस्तार का संकेत होता है। वहीं, 50 से नीचे का आंकड़ा मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में गिरावट आने का संकेत होता है।


हालांकि कंपनियों ने फरवरी में नए निर्यात ऑर्डर में बढ़ोतरी दर्ज की है। लेकिन जनवरी की तुलना में मांग कम रही है। इसके अलावा, पिछले महीने की तुलना में रोजगार बढ़त भी कम रही है। एचएसबीसी ने कहा, दस में से एक कंपनी ने भर्ती बढ़ने के संकेत दिया हैं। जबकि एक फीसदी कंपनियों ने नौकरियां घटाई है।

उत्पादकों को बढ़ती इनपुट लागत का दबाव भी झेलना पड़ा है। हालांकि मजबूत मांग के कारण वे लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने में कामयाब रहे हैं। उत्पादन गतिविधियों में गिरावट से संभावनाओं पर कोई खास निगेटिव असर नहीं पड़ा है। आगे का आउटलुक अच्छा बना हुआ है और कंपनियां आने वाले सालों में ग्रोथ को बढ़ावा देने वाले मांग में मजबूती पर भरोसा करके चल रही हैं।

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देश के आर्थिक प्रदर्शन में सुधार के बावजूद मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट धीमी बनी हुई है। तीसरी तिमाही में भारत की ग्रोथ रेट 6.2 फीसदी पर पहुंच गई। ये पिछली तिमाही के 5.6 फीसदी के दो साल के निचले स्तर से उबर गई है। सरकार को उम्मीद है कि ग्रोथ रेट पहले के 6.4 प्रतिशत के अनुमान से बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो जाएगी। हालांकि,मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ कमजोर रहने की संभावना है। ये पिछले वित्त वर्ष के 12.3 फीसदी से घटकर 4.3 फीसदी रह सकती है।

GDP के हिस्से के रूप में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पिछले डेढ़ दशक के एवरेज 16 फीसदी से घटकर फिर 15.7 प्रतिशत पर आ गया है।

MoneyControl News

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First Published: Mar 03, 2025 12:10 PM

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