Jan India Flash PMI : भारत के प्राइवेट सेक्टर की गतिविधि जनवरी में 13 महीने के निचले स्तर 57.9 पर आ गई है। ये आंकड़ा पिछले महीने के 59.2 से कम है। पिछले महीने में ये आंकड़ा चार महीने के उच्चतम स्तर पर था। यानी जनवरी में FLASH कंपोजिट PMI दिसंबर के 59.2 से घटकर 57.9 पर आ गया है। 24 जनवरी को जारी प्राइवेट सेक्टर के एक सर्वे के प्रारंभिक परिणामों के मुताबिक भारत के निजी क्षेत्र की गतिविधि जनवरी में 13 महीने के निम्नतम स्तर पर रही है।
हालांकि, एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई फ्लैश रीडिंग 13 महीनों में पहली बार 58 अंक से नीचे आ गई है। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में विकास दर सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4फीसदी पर पहुंचने के बाद तीसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन की संभावना है। इस महीने की शुरुआत में सरकार द्वारा जारी वार्षिक आंकड़ों में वित्त वर्ष 2025 की अनुमानित वृद्धि दर 6.4 फीसदी बताई गई है, जो 6.5-7 फीसदी के अनुमान और आरबीआई के संशोधित अनुमान 6.6 फीसदी से कम है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को अपनी विकास दर 6.4 प्रतिशत से ऊपर कायम रखने के लिए दूसरी छमाही में 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की जरूरत होगी। वर्ष की पहली छमाही में यह 6 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। एचएसबीसी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनियों ने 2025 की शुरुआत विकास में मंदी के साथ की है। नए बिजनेस की ग्रोथ में कमी के साथ कुल उत्पादन नवंबर 2023 के बाद से सबसे कम गति से बढ़ा है।
जनवरी माह के दौरान समग्र गतिविधि में गिरावट आई लेकिन मैन्युफैक्चरिंग का प्रदर्शन बेहतर रहा क्योंकि कारखाना उत्पादन पिछले महीने के 56.4 से बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर 58 पर पहुंच गया है।
दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ दर गिर गई थी। जिससे विकास दर सात तिमाहियों के निम्नतम स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी। लेकिन जनवरी में देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी आई है। एचएसबीसी की अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत केमैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने वर्ष की शुरुआत मजबूती से की है। उत्पादन और नए ऑर्डर में तेजी आई। नए निर्यात ऑर्डर में बढ़क विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है। इसके अलावा इनपुट लागत में कमी भी निर्माताओं के लिए अच्छी खबर है।