कोरोना वायरस महामारी के बीच डिजिटल स्किल और टैलेंट की मांग बढ़ी है। लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम चलन में तेजी आई है। जिसके बाद आईटी सेक्टर में बंपर नौकरियां निकली। पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में आईटी सेक्टर में जमकर भर्तियां हुई है। देश की तीन कंपनियो ने करीब 2 साल में लाखों लोगों को रोजगार दिया। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि IT सेक्टर की टीसीएस, इन्फोसिस और एचसीएल टेक (TCS, Infosys and HCL Tech) ने मार्च, 2022 को समाप्त वित्तवर्ष में 1.97 लाख लोगों को नौकरियां दी हैं।
इन दिग्गज आईट कंपनियों ने करीब 2.08 लाख फ्रेशर्स को नौकरी दी है। जबकि चालू वित्त वर्ष में 1.35 लाख छात्रों का सेलेक्शन करने की तैयारी में है। जानकारों का मानना है कि लोगों के सबसे ज्यादा नौकरियां बदलने के चलते इस सेक्टर में तेजी आई है।
कई कंपनियां अपना विस्तार कर रही है। ऐसे में टैलेंट की जोरदार मांग बढ़ी है। कपनियों को बेहतर कर्मचारियों को अपने साथ बनाए रखने के लिए शानदार सैलरी का ऑफर पेश करना पड़ रहा है। इस कमी को भरने के लिए सबसे ज्यादा फ्रेशर्स को बड़े पैमाने पर नौकरियां दी गईं हैं।
एट्रिशन रेट बनी कंपनियों के लिए जी जंजाल
आईटी सेक्टटर में एट्रिशन रेट यानी नौकरी छोड़कर जाने वालों की दर) काफी ज्यादा हो गई है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS की एट्रिशन रेट मार्च में बढ़कर 17.4 फीसदी पहुंच गई थी, जो कि 2021 की शुरुआत में 8.6 फीसदी और दिसंबर तिमाही में 11.9 फीसदी थी। इसी तरह, Infosys की एट्रिशन रेट बढ़कर 27.7 फीसदी पहुंच गई है, जो बीते साल की शुरुआत में 13.9 फीसदी थी।
HCL Tech का एट्रिशन रेट सबसे ज्यादा
HCL Tech भी नौकरियां छोड़ने या बदलने वालों से परेशान है और उसकी एट्रिशन रेट साल की शुरुआत में रही 11.8 फीसदी से बढ़कर मार्च में 21.8 फीसदी हो गई है। TCS के CEO राजेश गोपीनाथन का कहना है कि सुधार आने से पहले एट्रिशन रेट अभी और खराब स्तर तक जाएगा। Infosys के फाइनेंस चीफ निलंजन रॉय का कहना है कि आने वाले समय में एट्रिशन रेट घटेगी, क्योंकि और ज्यादा फ्रेशर्स को लाने की तैयारी है।