पुणे स्थित नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से IT सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस की शिकायत की है। NITES ने एक पत्र लिखते हुए कहा कि इंफोसिस की 2000 से अधिक कैंपस भर्तियों की ऑनबोर्डिंग में बार-बार देरी के चलते कर्मचारियों को काफी परेशानी हो रही है। NITES ने इस संबंध में मंत्रालय से जांच की मांग की है। NITES का दावा है कि ये देरी दो साल से ज्यादा समय से जारी है और इससे प्रभावित कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मनीकंट्रोल ने इस मामले में जानकारी के लिए इंफोसिस से संपर्क किया है। जवाब आने पर उसे स्टोरी में अपडेट किया जाएगा।
NITES ने पत्र में क्या कहा?
NITES के प्रेसिडेंट हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा, "कई लोगों ने इंफोसिस के ऑफर लेटर पर भरोसा करके अन्य जॉब ऑफर ठुकरा दिए थे। अब इनकम की कमी और क्लियर ऑनबोर्डिंग टाइमलाइन के कारण उन्हें वित्तीय कठिनाई और अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। इंफोसिस की वजह से इन युवा पेशेवरों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन हुआ है। उन्हें भरोसा था कि इंफोसिस उनके करियर में सहज बदलाव लाएगी, लेकिन इसके बजाय उन्हें अधर में छोड़ दिया गया।"
इससे पहले, मनीकंट्रोल ने बताया था कि इंफोसिस अपने आधे से ज्यादा फ्रेशर्स को कैंपस से बाहर से हायर कर रही है और इसलिए कंपनी ने अभी तक वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने कैंपस हायरिंग टारगेट पर फैसला नहीं किया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में कम से कम पिछली तीन तिमाहियों में कैंपस हायरिंग नहीं किया था। एक साल पहले इसने FY23 में लगभग 51000 फ्रेशर्स को हायर किया गया था।
आधे से ज्यादा फ्रेशर्स को कैंपस के बाहर से हायर करने की योजना
बेंगलुरु में इंफोसिस की चौथी तिमाही की अर्निंग कॉन्फ्रेंस में चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर जयेश संघराजका ने कहा था, "हमने अपने नियुक्ति मॉडल में अहम बदलाव किया है। अब हम सभी फ्रेशर्स को कैंपस से हायर नहीं करते हैं। हम उनमें से आधे से भी कम को कैंपस से और आधे से ज्यादा को कैंपस से बाहर से हायर करते हैं।"
पिछले साल महाराष्ट्र के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने NITES द्वारा दायर "200 लेटरल रिक्रूटमेंट" की ऑनबोर्डिंग में देरी की शिकायत पर IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को नोटिस जारी किया था। जुलाई 2023 में यूनियन ने भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ एक शिकायत दर्ज की, जिसमें "TCS द्वारा 200 से अधिक लेटरल रिक्रूटमेंट की ऑनबोर्डिंग में देरी" की बात कही गई। बाद में, शिकायत को महाराष्ट्र सरकार को ट्रांसफर कर दिया गया।