देश भर में आज कारगिल विजय दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बीच देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा किया। वहां देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी। 26 जुलाई को मनाया जाने वाला कारगिल दिवस 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की जीत का प्रतीक है। इसकी 25वीं वर्षगांठ पर 545 शहीदों को पीएम मोदी ने कारगिल में श्रद्धांजलि दी। वहीं पीएम मोदी आज नीमू-पदम-दारचा एक्सिस पर बनने वाली शिंकुन ला टनल का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने संबोधित किया।
26 जुलाई 1999 के दिन ही भारतीय सेना के जवानों ने टाइगर हिल पर तिरंगा फहराकर कारगिल वॉर में पाकिस्तान को हराया था। 84 दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए थे, जबकि 1,363 घायल हुए थे। वहीं पाकिस्तान के 400 से अधिक सैनिक मारे गए।
पीएम शिंकुन ला टनल प्रोजेक्ट का भी किया उद्घाटन
पीएम मोदी ने शिंकुन ला टनल प्रोजेक्ट का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन भी किया। शिंकुन ला टनल प्रोजेक्ट में 4.1 किमी लंबी ट्विन-ट्यूब टनल शामिल है। यह टनल लेह को सभी मौसम में कनेक्टिविटी देगी। काम पूरा होने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।
पीएम मोदी ने पाक को सुनाई खरी-खोटी
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज लद्दाख की ये महान धरती कारगिल विजय के 25 वर्ष पूरे होने की साक्षी बन रही है। कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्रीय के लिए दिए गए बलिदान अमर होते हैं। दिन, महीने, वर्ष, सदियां गुजरती हैं, मौसम भी बदलते हैं लेकिन राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वालों के नाम अमिट रहते हैं। ये देश हमारी सेना के पराक्रमी महानायकों का हमेशा ऋणी है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए उसे मुंह की खानी पड़ी लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। वो आतंकवाद के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। लेकिन आज जब मैं उस जगह से बोल रहा हूं जहां आतंक के आकाओं को मेरी आवाज सीधे सुनाई पड़ रही है। मैं आतंकवाद के इन सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। आतंकवाद को हमारे जांबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे। दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
हमने समय और संयम का परिचय दिया - पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था। हमने सत्य, संयम और सामर्थ का अद्भुत परिचय दिया था। भारत उस समय शांति के लिए प्रयास कर रहा था। बदले में पाकिस्तान ने फिर एक बार अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया। लेकिन सत्य के सामने असत्य और आतंक की हार हुई है।
अग्निवीर योजना सुधार का एक बड़ा उदाहरण है - पीएम मोदी
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सेनाओं ने पिछले सालों में कई साहसिक निर्णय लिए हैं। सेना की ओर से किए गए जरूरी सुधार का एक उदाहरण अग्निवीर योजना भी है। दशकों तक संसद तक अनेक कमेटी तक में सेनाओं को युवा बनाने पर चर्चाएं होती रहीं। भारत की सैनिकों की औसत आयु ग्लोबल औसत से अधिक होना हम सभी की चिंता बढ़ाता रहा है। इसलिए ये विषय वर्षों तक अनेक कमेटियों में भी उठा। लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़ी इस चुनौती के समाधान की पहले इच्छाशक्ति नहीं दिखाई दी। शायद कुछ लोगों की मानसिकता ही ऐसी थी कि सेना मतलब नेताओं को सलाम करना, परेड करना।
राष्ट्रीय सुरक्षा को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया – पीएम मोदी
हमारे लिए सेना मतलब 140 करोड़ देशवासियों की आस्था, 140 करोड़ देशवासियों की शांति की गारंटी, देश की सीमाओं को सुरक्षा की गारंटी... अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है। अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युद्ध के लिए हमेशा योग्य बनाए रखना है। दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है। कुछ लोग सेना के इस सुधार पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठी राजनीति कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों-करोड़ों के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया है। ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट न मिल पाए। ये वही लोग हैं। जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी।