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डॉक्टर रेप-मर्डर केस में बंगाल सरकार, पूर्व प्रिंसिपल, कोलकाता पुलिस को जमकर लताड़, जानें आज SC में क्या-क्या हुआ

Kolkata Rape-Murder Case News: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले से जुड़ी याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तारीख तय की है। कोर्ट ने CBI से 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट और राज्य सरकार से घटना की रिपोर्ट मांगी है। शीर्ष अदालत ने डॉक्टर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है

अपडेटेड Aug 20, 2024 पर 1:36 PM
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Kolkata Doctor Rape-Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार की जमकर खिंचाई की है

Kolkata Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को भयावह बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (20 अगस्त) को मामले में FIR दर्ज करने में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई। मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह घटना पूरे भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा के संबंध में व्यवस्थागत मुद्दे को उठाती है। शीर्ष अदालत ने डॉक्टर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है। कोर्ट ने CBI से 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट और बंगाल सरकार से घटना की रिपोर्ट मांगी है। RG कर अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा CISF को दिया गया है।

इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेने वाली चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और काम करने की स्थितियां सुरक्षित नहीं हैं तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं। शीर्ष न्यायालय ने बलात्कार-हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए पूछा कि अस्पताल के अधिकारी क्या कर रहे थे?

पीठ ने कहा, "ऐसा लगता है कि अपराध का पता सुबह-सुबह ही चल गया था लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की।" कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को भी फटकार लगाई। अदालत ने पूछा कि हजारों लोगों की भीड़ आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कैसे घुसी।


उसने पूछा कि जब आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल का आचरण जांच के घेरे में है तो उन्हें कैसे तुरंत किसी दूसरे कॉलेज में नियुक्त कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को प्रदर्शनकारियों पर बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय संशुद्धि का वक्त है।

न्यायालय ने कहा कि ज्यादातर युवा चिकित्सक 36 घंटे काम करते हैं और कार्य स्थल पर सुरक्षित स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाने की जरूरत है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल को चीजों को नकारने की स्थिति में न रहने दें और राज्य में कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है। उन्होंने कहा कि 7,000 लोगों की भीड़ कोलकाता पुलिस की जानकारी के बिना आर जी कर अस्पताल में नहीं घुस सकती।

CBI कर रही जांच

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेना इस तथ्य को देखते हुए महत्वपूर्ण है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने पहले ही कार्रवाई की है। मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है। महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल को रविवार को एक सप्ताह हो गया। अब यह दूसरे सप्ताह भी जारी है जिससे मरीजों को परेशानियां हो रही हैं।

डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने की अपील

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनरत चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि उनकी चिंता को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित अस्पताल के एक सेमीनार हॉल में जूनियर डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन हुए।

अस्पताल के चेस्ट विभाग में 9 अगस्त को सेमीनार हॉल के भीतर चिकित्सक का शव पाया गया था जिस पर गंभीर चोटों के निशान थे। कोलकाता पुलिस ने इस घटना के संबंध में अगले दिन एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया और सीबीआई ने 14 अगस्त को जांच शुरू कर दी।

हाई कोर्ट ने मृतका के माता-पिता की याचिका समेत कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी। मृतका के माता-पिता ने अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध किया था।

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फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने सुप्रीम कोर्ट के नेशनल टास्क फोर्स बनाने के फैसले का स्वागत किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले से जुड़ी याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तारीख तय की है।

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