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Manmohan Singh Death: एक लेट नाइट फोन कॉल... जिसने बदल दी मनमोहन सिंह और भारत दोनों की किस्मत

1991 में देर रात आए एक फोन कॉल ने न सिर्फ उनका पूरा जीवन को बदल दिया, बल्कि उन्हें दिग्गजों की कतार में ला खड़ा किया। जून 1991 में, मनमोहन सिंह को पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के करीबी सहयोगी पीसी अलेक्जेंडर का देर रात फोन आया। उनके दामाद विजय तन्खा ने वो कॉल पिक किया और उन्हें मनमोहन को जगाने के लिए कहा गया

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 27, 2024 पर 1:47 PM
Manmohan Singh Death: एक लेट नाइट फोन कॉल... जिसने बदल दी मनमोहन सिंह और भारत दोनों की किस्मत
1970 और 1980 के दशक के दौरान, दिवंगत पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार के भीतर कई बड़े और अहम पदों पर काम किया

1970 और 1980 के दशक के दौरान, दिवंगत पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार के भीतर कई बड़े और अहम पदों पर काम किया। उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और योजना आयोग के प्रमुख जैसे पद संभाले। लेकिन 1991 में देर रात आए एक फोन कॉल ने न सिर्फ उनके पूरे जीवन को बदल दिया, बल्कि उन्हें दिग्गजों की कतार में ला खड़ा किया। जून 1991 में, मनमोहन सिंह को पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के करीबी सहयोगी पीसी अलेक्जेंडर का देर रात फोन आया। उनके दामाद विजय तन्खा ने वो कॉल पिक किया और उन्हें मनमोहन को जगाने के लिए कहा गया।

कुछ घंटों बाद, मनमोहन ने अलेक्जेंडर से मुलाकात की और उन्हें राव की वित्त मंत्री बनाने की योजना के बारे में बताया गया। यह भारत के लिए उथल-पुथल भरा समय था। एक नाजुक भारतीय अर्थव्यवस्था गंभीर पेमेंट बैलेंस संकट का सामना कर रही थी और इसमें सुधार की सख्त जरूरत थी।

मनमोहन सिंह ने गंभीरता से नहीं लिया प्रस्ताव!

इसलिए नए वित्त मंत्री के लिए मनमोहन सिंह को चुना गया। मनमोहन उस समय UGC के चेयरमैन थे और उनका राजनीति से कभी कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने अलेक्जेंडर को गंभीरता से नहीं लिया।

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