नई दिल्ली में G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन (G20 Leaders' Summit) के लिए दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं की मेजबानी करने से कुछ दिन पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भारत की स्थिर केंद्र सरकार और मजबूत होते वैश्विक संबंधों को और सशक्त बनाया है। मोदी ने मनीकंट्रोल (Moneycontro) से एक साक्षात्कार में कहा, "विभिन्न क्षेत्रों के अलग-अलग देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के पीछे कई कारक हैं। कई दशकों की अस्थिरता के बाद, 2014 में, भारत के लोगों ने एक स्थिर सरकार के लिए मतदान किया, जिसके पास विकास का स्पष्ट एजेंडा था।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि लगातार दो राष्ट्रीय चुनावों में जीत के बाद जनता द्वारा सरकार में दिखाए गए "अभूतपूर्व विश्वास" को बनाए रखना "विशेषाधिकार और सम्मान" भी था। उन्होंने कहा कि अगर 2014 की जीत वादों के बलबूते थी, तो 2019 में दूसरी जीत पिछले प्रदर्शन और भविष्य के लिए सरकार की योजनाओं के आधार पर मिली थी।
राजनीतिक स्थिरता के कारण हुए बड़े सुधार
मोदी ने कहा, "इस राजनीतिक स्थिरता के कारण, हर दूसरे क्षेत्र में गहरे संरचनात्मक सुधार देखने को मिल सकते हैं। अर्थव्यवस्था, शिक्षा, सामाजिक सशक्तिकरण, वेलफेयर डिलीवरी, बुनियादी ढांचा - ये ऐसे सेक्टर हैं जिनका मै उल्लेख कर सकता हूं जिनमें सुधार देखे गए हैं।"
9-10 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (US President Joe Biden) जैसे वर्ल्ड लीडर भारतीय राजधानी में आयेंगे। वे लोग भारत के एजेंडे पर प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिसमें गरीब और कमजोर देशों के लिए कर्ज राहत, क्लाइमेट फाइनेंस, क्रिप्टो रेगुलेशंस और मल्टीलैटरल डेवलपमेंट बैंक रिफॉर्म शामिल हैं। दिसंबर 2022 में जी20 की अध्यक्षता करने वाला भारत इन प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनाने की उम्मीद ऐसे समय में कर रहा होगा जब वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine conflict) से खंडित हो गया है।
भारत ने प्रतिद्वंदी देशों को बनाया दोस्त
फिर भी इसके लिए एक साझा आधार खोजने की कोशिश के लिए भारत की भूमिका की सराहना की गई है। प्रधान मंत्री मोदी ने भारत में अन्य देशों का विश्वास हाल के वर्षों में सरकार द्वारा किए गए सुधारों की वजह से मजबूत हुआ है। इसकी वजह से न केवल अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और वेलफेयर डिलीवरी को मजबूत हुई है बल्कि देश को ग्लोबल सॉल्युशन का हिस्सा बनने की क्षमता भी दी है।
"जब भी किसी देश ने हमारे साथ बातचीत की, तो उन्हें पता था कि वे एक ऐसे भारत के साथ बातचीत कर रहे थे, जो अपने हितों का ख्याल रखते हुए उनकी प्रगति में उनके साथ जुड़ना चाहता था। यह एक ऐसा भारत था जिसके पास हर किसी को देने के लिए बहुत कुछ था।" इससे स्वाभाविक रूप से हमारे संबंध विभिन्न देशों से बढ़े। यहां तक कि जो देश भारत को अपने प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखते थे, वे हमारे मित्र हो गये हैं। ” ऐसा मोदी ने कहा।
अप्रैल-जून में रही 7.8 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ
भारत ने 31 अगस्त को जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून में 7.8 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ दर्ज की। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है। मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था "लंबे समय से एक ग्लोबल ब्राइट स्पॉट" रहा है। यह स्थिति तब भी बनी रही जब दुनिया युद्ध का सामना कर रही थी।
"पिछले नौ वर्षों में, दुनिया ने यह भी देखा है कि भारत इंटरनेशनल सोलर अलायंस और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन के लिए विभिन्न देशों को जोड़ना चाह रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा इसकी वजह से भारत के ''शब्द, कार्य और विजन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर प्रभावी रूप से स्वीकार किया गया।''