देश को आने वाले महीनों में एक लाख से अधिक ड्रोन पायलट्स (Drone Pilots) की आवश्यकता होगी। सिविल एविएशन मिनिस्टर (Civil Aviation Minister) ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कहा कि भारत को आने वाले सालों में लगभग एक लाख ड्रोन पायलट्स (Drone Pilots) की जरूरत होगी। सेंट्रल मिनिस्ट्री देशभर में ड्रोन सर्विस (Drone Service) की डिमांड को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। यानी, युवा वर्ग के पास नौकरी के लाखों की संख्या में मौके होंगे।
12वीं पास भी बन सकते हैं ड्रोन पायलट
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 12वीं कक्षा पास करने वाले युवा ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग ले सकते हैं। ड्रोन पायलट बनने के लिए लिए किसी कॉलेज की डिग्री की जरूरत नहीं है। अब आने वाले सालों में करीब एक लाख ड्रोन पायलट्स की जरूरत सरकार को होगी।
सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि युवाओं को दो से तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ड्रोन पायलट्स को 30 हजार रुपये महीने का मासिक वेतन मिलेगा। यानी, युवाओं के पास नौकरी का अच्छा मौका है।
2030 तक ग्लोबल ड्रोन हब बनाने का टारगेट
दिल्ली में ड्रोन पर नीति आयोग के एक्सपीरियंस स्टूडियो को लॉन्च करते हुए सिंधिया ने कहा कि सरकार का साल 2030 तक भारत को ग्लोबल ड्रोन हब बनाने का टारगेट है। सरकार अलग-अलग इंडस्ट्रीयल और डिफेंस रिलेटेड सेक्टर में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि नई तकनीक का विकास हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक नई तकनीक की पहुंच बन सके।
क्या ड्रोन को लेकर सरकारी की योजना?
एविएशन मंत्री ने कहा कि हम ड्रोन सेवाओं को आसानी से मिलने वाली सर्विस के तौर पर डेवलप करना चाहते हैं। एविएशन मिनिस्टर ने कहा कि वह ड्रोन सेक्टर को तीन तरीके से आगे लेकर जाना है। पहला पॉलिसी को लागू करना। दूसरा, इनिशिएटिव पैदा करना है। तीसरा, डिमांड पैदा करना है।