Morbi Bridge Collapse: अजंता की दीवार घड़ी और CFL बल्ब बनाने वाली कंपनी को कैसे मिला मोरबी केबल ब्रिज का मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट?
Morbi Bridge Collapse: लगभग पांच दशक पहले ओधवजी राघवजी पटेल (Odhavji Raghavji Patel) ने इस फर्म की शुरुआत की थी, जो फेमस अजंता (Ajanta) और ओरपाट (Orpat) ब्रांड के तहत दीवार घड़ियां बनाती है
Morbi Bridge Collapse: अजंता की दीवार घड़ी बनाने वाली कंपनी को कैसे मिला पुल का कॉन्ट्रैक्ट
Morbi Bridge Collapse: गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) में केबल पुल टूटने (Cable Bridge Collapse) के मामले में राज्य सरकार ने एक जांच कमेटी बनाई है। इस बीच एक कंपनी का नाम काफी चर्चाओं में है और वो है ओरेवा ग्रुप (Oreva group), ये कंपनी सस्पेंशन ब्रिज (Suspension Bridge) के ढहने के बाद से जांच के दायरे में है।
अब सवाल ये उठ रहा है कि CFL बल्ब (CFL Bulb), दीवार घड़ी (Wall Clock) और ई-बाइक (E-Bike) बनाने में माहिर ये कंपनी पुल के मेंटेनेंस का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में कैसे कामयाब रही।
ये पुल 100 साल से भी ज्यादा पुराना था और इस हादसे में 134 लोगों की जान चली गई। PTI न्यूज एजेंसी के मुताबिक, लगभग पांच दशक पहले ओधवजी राघवजी पटेल (Odhavji Raghavji Patel) ने इस फर्म की शुरुआत की थी, जो फेमस अजंता (Ajanta) और ओरपाट (Orpat) ब्रांड के तहत दीवार घड़ियां बनाती है।
ओधवजी पटेल का इस महीने की शुरुआत में 88 साल की उम्र में निधन हो गया था। 1971 में 45 साल की उम्र में एक एंटरप्रेन्योर बनने से पहले स्कूल में साइंस के टीचर थे।
लगभग 800 करोड़ रुपए के टर्नओवर के साथ, अजंता ग्रुप, अब घरेलू और बिजली के उपकरण, बिजली के लैंप, कैलकुलेटर, सिरेमिक प्रोडक्ट और ई-बाइक बनाती है।
मच्छू नदी (Machchhu River) पर झूलता पुल (Hanging Bridge) के नाम से मशहूर सस्पेंशन पुल (Suspension Bridge) को मरम्मत के लिए सात महीने पहले बंद कर दिया गया था और 26 अक्टूबर को गुजराती नव वर्ष (Gujarati New Year) के दिन फिर से खोल दिया गया था।
Morbi Bridge Collapse: मार्च में कंपनी को मिला पुल का कॉन्ट्रैक्ट
इस साल मार्च में, ओरेवा ग्रुप को मोरबी नगरपालिका की तरफ से पुल के रखरखाव और मैनेजमेंट का ठेका दिया गया था। आरोप है कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल को खोला गया।
कंपनी मैनेजमेंट की तरफ से मामले पर अभी तक कोई बयान नहीं आया है। दुर्घटना के तुरंत बाद ग्रुप के प्रवक्ता ने कथित तौर पर कहा था कि पुल ढह गया, क्योंकि "पुल के बीचोंबीच बहुत से लोग इसे जोर-जोर से हिलाने की कोशिश कर रहे थे।"
अहमदाबाद का ग्रुप अपनी प्रमुख फर्म अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड के जरिए लाइट प्रोडक्ट, बैटरी से चलने वाली बाइक, घरेलू उपकरणों, बिजली के सामान और इलेक्ट्रॉनिक आइटम जैसे टेलीफोन, कैलकुलेटर और LED टीवी समेत दूसरे बिजनेस सेगमेंट में भी मौजूद है।
अजंता ट्रांजिस्टर क्लॉक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के तहत वॉल क्लॉक के निर्माता के रूप में शुरू हुआ। मोरबी के ओरेवा ग्रुप ने नए वर्टिकल में विविधता लाई।
ओरेवा ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर अपने प्रोफाइल में दावा किया है कि इसमें 6,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं, लेकिन वेबसाइट के इसके कंस्ट्रक्शन बिजनेस का कोई जिक्र नहीं है।
ओरेवा, जो अपने कॉस्ट एडवांटेज के लिए इंडस्ट्री में जाना जाता है, देश भर में फैले 55,000 चैनल पार्टनर्स के जरिए अपने प्रोडक्ट बेचती है।
गुजरात के कच्छ जिले के समाखियाली में भारत के सबसे बड़े मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में से एक ओरेवा ग्रुप का है, जो 200 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है।
लाइटिंग सेगमेंट में, अपने CFL को बढ़ाने के बाद, ओरेवा ने LED लाइटिंग प्रोडक्ट में विविधता लाई और यह भारत में सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है। वॉल क्लॉक सेगमेंट में इस लीडिंग कंपनी ने डिजिटल क्लॉक सेगमेंट में एंट्री की है।