महाराष्ट्र के कोल्हापुर सेंट्रल जेल में ड्रेनेज के ढक्कन से पीट-पीटकर एक कैदी की हत्या की खबर सामने आई है। मृतक मोहम्मद अली खान उर्फ मुन्ना उर्फ मनोज कुमार भंवरलाल गुप्ता 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी था। बताया जा रहा है कि जेल में न्यायिक हिरासत पर आए पांच आरोपियों ने रविवार (2 जून) को इस हत्या को अंजाम दिया। आरोपियों ने मोहम्मद अली खान का सिर फोड़ दिया था। जिसकी वजह से उसकी मौत हुई। सुबह करीब 8 बजे इस घटना को अंजाम दिया गया। इस मामले में पुलिस पांच कैदियों को हिरासत में लेकर पूछाताछ कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 70 साल का मोहम्मद अली खान 1993 में हुए बम ब्लास्ट का दोषी था। वो उम्रकैद की सजा काट रहा था। मोहम्मद पर ब्लास्ट से पहले आंतकियों के पास आरडीएक्स और हथियार पहुंचाने का आरोप था। कुछ विचाराधीन कैदियों ने नाली के ऊपर से लोहे की जाली उठाई और उससे खान के सिर पर वार किया। जिसके बाद वह जमीन पर गिर गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एक ही बैरक में थे सभी आरोपी
पुलिस के मुताबिक हत्या करने वाले आरोपियों के नाम प्रतीक पाटिल, दीपक खोत, संदीप चव्हाण, ऋतुराज इनामदार और सौरभ सिद्ध हैं। जेल विभाग की उप महानिरीक्षक स्वाति साठे के मुताबिक मृतक मोहम्मद अली खान समेत ये सभी आरोपी एक ही बैरक में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि इसी के चलते पुलिस जांच कर रही है कि इनके बीच कोई विवाद तो नहीं था। फिलहाल जेल के अंदर इस हत्या के बाद कोल्हापुर की जेल में बंद मुंबई धमाकों के अन्य आरोपियों की सुरक्षा जेल विभाग ने बढ़ा दी है। जेल के अंदर इस हत्या की वारदात की मुख्य वजह क्या है, इस पर जांच शुरू कर दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी आजीवन कारावास
मोहम्मद अली को साल 2013 में कलम्बा जेल लाया गया था। अली ने अपनी मूल 14 साल की सजा पूरी कर ली थी और कुछ समय के लिए बाहर आ गया था। लेकिन 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बढ़ाकर आजीवन कारावास कर दिया। मुन्ना 12 मार्च, 1993 को हुए विस्फोटों से पहले आरडीएक्स और हथियारों की लैंडिंग के लिए मुख्य आरोपी टाइगर मेमन को मुंबई से रायगढ़ ले गया था। इस घटना में 250 से अधिक लोग मारे गए थे और 1,400 से अधिक घायल हो गए थे।