Nandan Nilekani: इंफोसिस (Infosys) के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि (Nandan Nilekani) ने मंगलवार को घोषणा की कि वह IIT-बॉम्बे (IIT Bombay) को ₹315 करोड़ दान कर रहे हैं। नीलेकणि ने 1973 में यहां दाखिला लिया था और पढ़ाई पूरी करने के बाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में अपनी ग्रेजुएट डिग्री हासिल की थी। काफी लोगों के मन में सवाल है कि आखिर उन्होंने ऐसे क्यों किया। तो इसका सीधा सा जवाब है कि इस संस्थान के साथ उनके जुड़ाव के पूरे 50 साल हो गए, फिर चाहे वो एक छात्र के रूप में हो या फिर अलग-अलग भूमिकाओं में। साल 2011 से 2015 तक वह IIT बॉम्बे के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में भी रहे हैं।
एक प्रेस बयान में, IIT-बॉम्बे ने कहा कि ₹85 करोड़ के पिछले योगदान समेत, नीलेकणि ने संस्थान को कुल ₹400 करोड़ का दान दिया है। IIT-B ने कहा, ये शुरुआती योगदान, नए होस्टल बनाने, IT स्कूल का फाइनेंशिंग और देश के पहले यूनिवर्सिटी इनक्यूबेटर की स्थापना में 'काफी महत्वपूर्ण' था।
नए योगदान के साथ IIT-बॉम्बे क्या करेगा?
IIT-बॉम्बे ने अपनी भविष्य की योजनाओं को बताते हुए कहा कि उसे अगले पांच सालों में ₹4,106 करोड़ के फंड रेजिंग की जरूरत होगी। नीलेकणि का दान काफी मददगार साबित और संस्थान को इससे अपने घोषित मकसदों को हासिल करने के लिए योजनाओं को शुरू करने में मदद मिलेगी।
नीलेकणी और IIT-बॉम्बे के बयान
UIDAI के पूर्व अध्यक्ष ने IIT-बॉम्बे को 'अपने जीवन की आधारशिला' बताया।
उन्होंने कहा, "मैं आगे बढ़ने और इसके भविष्य में योगदान करने के लिए आभारी हूं। यह दान केवल एक वित्तीय योगदान से बढ़कर है। यह उस जगह के लिए एक श्रद्धांजलि है, जिसने मुझे बहुत कुछ दिया है और उन छात्रों के प्रति प्रतिबद्धता है, जो कल हमारी दुनिया को आकार देंगे।”
IIT-बॉम्बे के डायरेक्टर प्रोफेसर सुभासिस चौधरी ने कहा कि यह संस्थान के इतिहास में एक 'नए युग' की शुरुआत है।
प्रोफेसर चौधरी ने कहा, “हम अपने शानदार पूर्व छात्र नंदन नीलेकणि को देखकर बेहद खुश हैं, जिन्होंने संस्थान में अपने मूलभूत और अग्रणी योगदान को जारी रखा है। ऐतिहासिक दान IIT-बॉम्बे के विकास को महत्वपूर्ण रूप से तेज करेगा और इसे वैश्विक नेतृत्व के मार्ग पर मजबूती से स्थापित करेगा।”