केंद्र सरकार ने एक साल में 20-20 लाख मीट्रिक टन (MT) सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट की अनुमति दे दी है। सरकारी सूत्रों ने 24 मई को इसकी जानकारी दी। इस फैसले के बाद कारोबारियों को अगले दो साल तक सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल के इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्ररक्चर एंड डिवलपमेंट सेस नहीं देना होगा।
सरकारी सूत्रों ने बताया, "ड्यूटी फ्री ऑयल के इंपोर्ट से ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी। सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक यह छूट 25 मई 2022 से लागू होगी। ट्रेडर्स को यह छूट 31 मार्च 2024 तक मिलती रहेगी। सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब देश में खाद्य तेल की कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है।
वनस्पति तेल के आयात में भारत दुनिया के सबसे बड़े देशों में शामिल है। देश की कुल जरूरत का 60% हिस्सा इंपोर्ट से ही पूरा होता है। भारत जिन खाद्य तेल का सबसे ज्यादा इंपोर्ट करता है उनमें पाम ऑयल और सोयाबीन ऑयल शामिल है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई प्रभावित हुई और एडिबल ऑयल के दाम आसमान पर पहुंच गए। हमले के कारण काला सागर क्षेत्र से सूरजमुखी के तेल की सप्लाई रुक गई है। इसी बीच इंडोनेशिया ने हैरतअंगेज कदम उठाते हुए पाम ऑयल एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था।