कांग्रेस (Congress) नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने 1988 के रोड रेज मामले (Road Rage Case) में आत्मसमर्पण कर दिया है। सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गुरुवार को एक साल के सश्रम जेल की सजा सुनाई गई थी। नवतेज सिंह चीमा समेत पार्टी के कुछ नेताओं के साथ सिद्धू जिला अदालत पहुंचे। यह अदालत कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष के आवास के पास स्थित है।
सिद्धू को अदालत ने सरेंडर करने के बाद उनका मेडिकल करवाने के लिए माता कौशल्या हॉस्पिटल में भेजा है। चीमा सिद्धू को SUV से अदालत लेकर पहंचे थे। शुक्रवार की सुबह कुछ समर्थक सिद्धू के आवास पर पहुंचे थे।
पटियाला जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नरिंदर पाल लाली ने बृहस्पतिवार रात पार्टी समर्थकों को एक संदेश में कहा था कि सिद्धू सुबह 10 बजे अदालत पहुंचेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सुबह करीब साढ़े नौ बजे अदालत परिसर पहुंचने का आग्रह किया था।
क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी बृहस्पतिवार की रात पटियाला स्थित आवास पर पहुंच गई थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा था कि अपर्याप्त सजा देकर किसी भी तरह की 'अनुचित सहानुभूति' से न्याय प्रणाली को ज्यादा नुकसान होगा और इससे कानून पर जनता का भरोसा कम होगा।
रोड रेज की इस घटना में 65 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई थी। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद सिद्धू ने ट्वीट करके कहा था कि वह 'कानून के सामने आत्मसमर्पण करेंगे।'
सरेंडर करने के लिए कुछ हफ्तों का मांगा समय
इससे पहले शुक्रवार को सिद्धू ने सरेंडर करने के लिए कुछ हफ्तों का समय मांगा था। सिद्धू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस जेबी परदीवाला की बैंच के सामने मामले को रखा। वकील ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर को आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए।
सिंघवी ने बैंच से कहा, "निश्चित तौर पर वह जल्द ही आत्मसमर्पण करेंगे। हमें आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए। यह 34 साल बाद है। वह अपने स्वास्थ्य से जुड़े मामलों को देखना चाहते हैं।"