Odisha Train accident: ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए भीषण ट्रेन हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) से बरामद करीब 40 शवों पर किसी तरह की चोट का निशान नहीं पाया गया है। माना जा रहा है कि उनकी मौत करंट लगने से हुई है। बालासोर में राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) थाने में दर्ज FIR में संकेत दिया गया है कि ऊपर से जा रहे तारों के दुर्घटना के बाद टूटने और उनके कुछ डिब्बों में फंसने की वजह से यात्रियों को करंट लगा।
पुलिस सब-इंस्पेक्टर पी कुमार नायक ने FIR में कहा कि कई यात्रियों की मौत चोट लगने और ऊपर से जा रहे तारों के संपर्क में आने से करंट लगने की वजह से हुई है। अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि दुर्घटना के बाद डिब्बों के पलटने से बिजली के खंभे गिर पड़े जिससे ऊपर से जा रहे तार टूट गए।
बता दें कि बालासोर में दो जून को तीन ट्रेन हादसे का शिकार हुई थीं। इस घटना में 288 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 1200 लोग जख्मी हैं। हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस और खड़ी हुई माल गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। CBI की 10 सदस्यीय टीम इस समय ओडिशा में है। अधिकारियों ने मंगलवार को पटरियों और सिग्नल रूम का निरीक्षण किया और बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर तैनात रेल अधिकारियों से पूछताछ की। बता दें कि रेलवे बोर्ड ने रविवार को दुघर्टना की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी।
CBI अधिकारियों के साथ आई फॉरेंसिक टीम ने भी सिग्नल रूप के कर्मचारियों से बात की और विभिन्न उपकरणों के उपयोग एवं उनके काम करने के तरीकों की जानकारी प्राप्त की। केंद्रीय जांच एजेंसी हादसे की आपराधिक कोण से जांच करेगी, क्योंकि रेलवे ने हादसे के पीछे तोड़फोड या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका जताई है।
2 जून शाम करीब 7 बजे हावड़ा के नजदीक शालीमार से चेन्नई सेंट्रल जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी जिससे उसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उसी समय दूसरी ओर से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के आखिरी कुछ डिब्बे भी कोरोमंडल एक्सप्रेस की बेपटरी हुई बोगियों से टकरा गए थे।
मृतकों की संख्या में फिर बदलाव
ओडिशा सरकार ने बालासोर ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 288 बताई है। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना (Pradeep Jena) ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है। इससे पहले जेना ने बताया था कि मृतकों की संख्या 288 नहीं बल्कि 275 है। अब सरकार दोबारा आंकड़े को बदलते हुए 288 बता रही है।
प्रदीप जेना ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, "अभी तक कुल 288 लोगों की मृत्यु हो गई है। 95 शवों का जिला स्तर पर शिफ्ट किया गया था। 193 शवों को भुवनेश्वर लाया गया था, जिसमें से 110 शवों की पहचान हो गई है। कुल 288 में से 205 शवों की पहचान हो गई है। जबकि 83 शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।"