टेक्सटाइल मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि आजीविका को प्रोत्साहन देने के लिए बुनकरों और कारीगरों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से जोड़ने और तकनीक का लाभ उठाने की तत्काल आवश्यकता है।
टेक्सटाइल मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि आजीविका को प्रोत्साहन देने के लिए बुनकरों और कारीगरों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से जोड़ने और तकनीक का लाभ उठाने की तत्काल आवश्यकता है।
गोयल के आधिकारिक बयान के मुताबिक, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट्स सेक्टर में आजीविका बढ़ाने के बीच कोई बाधा नहीं रहनी चाहिए। वह टेक्सटाइल मिनिस्ट्री और उनके एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल में आने वाली ऑटोनोमस बॉडीज और सरकार के स्वामित्व वाले एंटरप्राइजेज के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री का पोर्टफोलियो भी संभालने वाले गोयल ने इस काम में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की जरूरत पर जोर दिया।
प्रोसेस को सरल बनाने की जरूरत
बैठक में हैंडलूम्स और हैंडीक्राफ्ट्स में आजीविका पर विशेष जोर दिया गया। इस दौरान सेक्टर्स से जुड़ी योजनाओं को लागू करने के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री ने प्रोसेस को सरल बनाने और पारदर्शिता के लिए एक प्रभावी ऑनलाइन डैशबोर्ड आधारित निगरानी प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को केंद्र सरकार की योजनाओं के नतीजों और प्रभाव में सुधार के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ संवाद बनाए रखने की सलाह दी।
बुनकरों और कारीगरों को मार्केटिंग में मिले मदद
मार्केटिंग के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि बुनकरों और कारीगरों को उनके उत्पादों की दिल्ली हाट, अर्बन हाट्स और हैंडलूम हाट जैसे सभी प्लेटफॉर्म्स के जरिए मार्केटिंग में सहायता की जानी चाहिए।
कंज्यूमर स्पेंडिंग में बढ़े शेयर
केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से कंज्यूमर स्पेंडिंग में बुनकरों और कारीगरों का शेयर बढ़ाने की दिशा में काम करने के लिए कहा, जिस तरह से डेयरी कोऑपरेटिव्स ने मिल्क प्रोड्यूसर्स के लिए किया है। उन्होंने अधिकारियों को मंत्रालय की स्किल डेवलपमेंट इनीशिएटिव को उचित तरीके से लागू करने की सलाह दी। स्टेटमेंट में कहा गया, प्रोसेसिंग सेगमेंट के लिए एफ्लुएंट ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत है और साथ ही, कम पानी वाली और पानी रहित प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने और स्थायित्व पर जोर देने की जरूरत है।
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