PM Modi in US: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के बीच भारत ने अर्टेमिस संधि (Artemis Accords) में शामिल होने का फैसला किया है। व्हाइट हाउस ने गुरुवार 22 जून को जारी एक बयान में कहा कि भारत ने अर्टेमिस संधि में शामिल होने का फैसला किया है। साथ ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) साल 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए एक संयुक्त मिशन भेजने पर सहमत हुए हैं। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि यह समझौता भारत की अंतरिक्ष में गहन खोज की महत्वाकांक्षाओं को महत्वपूर्ण बढ़ावा दे सकता है।
बता दें कि अर्टेमिस संधि अमेरिका की अगुआई वाला एक मंच है, जो गैर-सैन्य कार्यों के मकसद से अंतरिक्ष में गहन खोज की मंशा रखने वाले देशों को एक साथ लाता है। अर्टेमिस संधि में भारत के शामिल होने का ऐलान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्हाइट हाउस पहुंचने से ठीक पहले किया गया।
अमेरिकी प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने कहा "अंतरिक्ष (के विषय) पर, हम यह घोषणा करने वाले हैं कि भारत अर्टेमिस संधि पर हस्ताक्षर कर रहा है, जो मानवजाति के फायदे के लिए अंतरिक्ष के गहन खोज के लिए एक साझा नजरिए को आगे बढ़ाएगा।"
पीएम मोदी का व्हाइट हाउस पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ। इसके बाद उन्होंने व्हाइट के ओवल ऑफिस में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एक द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं के बीच पिछले 24 घंटे में यह दूसरी वार्ता थी। इस बैठक का मकसद रक्षा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा और टेक्नोलॉजी सहित अनेक क्षेत्रों में भारत-अमेरिका के कूटनीतिक संबंधों को और गति देना है।
अर्टेमिस संधि के तहत अमेरिकी की अगुआई में 2025 तक चंद्रमा पर मानव को फिर से भेजने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा इसका लक्ष्य मंगल और अन्य ग्रहों का गहन खोज करना है।
अधिकारी ने कहा कि NASA और ISRO इस साल मानव युक्त अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक रणनीतिक ‘फ्रेमवर्क’ तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा नासा और इसरो 2024 में ISS के लिए एक संयुक्त मिशन पर भी सहमत हुए हैं।