प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने Moneycontrol को दिए एक खास इंटरव्यू (Exclusive Interview) में कहा कि G20 के लिए भारत के एजेंडे का सार्वभौमिक रूप से स्वागत किया गया, क्योंकि दुनिया जानती थी कि देश वैश्विक मुद्दों के समाधान खोजने में मदद के लिए अपना सक्रिय और सकारात्मक दृष्टिकोण लाएगा। इस हफ्ते के आखिर में नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) से पहले मोदी ने कहा, "हमने पिछले नौ सालों में अपने देश में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के नजरिये को अपनाया है।"
उन्होंने कहा, “इसने देश को प्रगति के लिए एक साथ लाने और अंतिम छोर तक विकास का फल पहुंचाने में बहुत बड़ा लाभ दिया है। आज इस मॉडल की सफलता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल रही है। वैश्विक संबंधों में भी यही हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत है।”
प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत के पक्ष में जो बात काम करती है, वो ये है कि देश विकासशील दुनिया के हितों को आगे बढ़ा रहा है, जिसमें अफ्रीकी संघ के देशों जैसे G20 में प्रतिनिधित्व नहीं करने वाले देशों के हित भी शामिल हैं।
मोदी ने कहा, “शायद G20 के इतिहास में पहली बार, दुनिया तीन विकासशील देशों के साथ ह-इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील। यह तिकड़ी ऐसे महत्वपूर्ण समय में विकासशील दुनिया की आवाज को बुलंद कर सकती है, जब वैश्विक भू-राजनीति के कारण तनाव बढ़ गया है।”
मोदी ने कहा, “भारत का विकास स्वच्छ और हरित विकास है। भारत का विकास मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ हासिल किया जा रहा है जिसे दूसरे देशों में भी दोहराया जा सकता है। भारत की बढ़ोतरी वैश्विक दक्षिण के हितों को आगे बढ़ाने में मदद करती है।”
भले ही 2024 में वैश्विक विकास धीमा होने वाला है, लेकिन IMF और रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थान भारत को विश्व अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल जगह मानते हैं।
इस खास बातचीत में, प्रधान मंत्री मोदी ने इस बारे में भी चर्चा की कि कैसे अलग-अलग देशों को महंगाई से निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने मुफ्तखोरी और वित्तीय रूप से गैर-जिम्मेदाराना नीतियों से होने वाला नुकसान, जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए एक साझा वास्तविकता है इन सब पर भी बात की।