प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता का विषय 'वसुधैव कुटुंबकम' सिर्फ एक नारा नहीं है बल्कि देश के सांस्कृतिक लोकाचार से निकला एक व्यापक दर्शन है। भारत 9 और 10 सितंबर को प्रगति मैदान में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक खास इंटरव्यू में पीएम ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए। G20 में अफ्रीका हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सभी की आवाजें सुने बिना पृथ्वी की कोई भी भविष्य की योजना सफल नहीं हो सकती।
दुनिया के लिए अहम साबित होगा जी-20
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी क्षेत्रों के लिए जी-20 में लिए गए फैसले दुनिया के भविष्य के लिए अहम साबित होंगे। हम अपनी अध्यक्षता के बाद भी इसमें योगदान देना जारी रखेंगे। दुनिया के सामने महंगाई एक बड़ा मुद्दा है। हमारी जी20 अध्यक्षता ने यह साबित किया है कि एक देश में महंगाई के खिलाफ बनी नीतियां दूसरे देश को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता से कई सारे अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। कुछ मेरे दिल के बेहद ही करीब हैं। चाहे G20 अध्यक्ष के रूप में या नहीं, हम दुनिया भर में शांति सुनिश्चित करने के हर प्रयास का समर्थन करेंगे। दुनिया का यह मानना है कि भारत की प्रगति कोई अचानक से घटी हुई घटना नहीं है। यह हमारे काम के रौडमैप का नतीजा है। दुनिया के इतिहास में लंबे वक्त तक भारत टॉप की अर्थव्यवस्थाओं में से एक था। बाद में कई सारे उपनिवेशों की वजह से हमारी वैश्विक मौजूदगी कम हो गई।
मोदी बोले पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी है भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लेकिन अब, भारत फिर से आगे बढ़ रहा है। हम एक दशक से भी कम वक्त में 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक पांच स्थान की छलांग लगा चुके हैं। भारत का मतलब केवल व्यापार से है। ऐसी स्पीड के साथ मैं आश्वस्त हूं कि हम जल्दी ही दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होंगे। मुझे यकीन है कि 2047 तक हमारा देश विकसित देशों में होगा। लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता के 3डी में चौथा 'डी' विकास जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि 2047 तक की अवधि बहुत बड़े अवसरों में से एक है। जो भारतीय इस युग में रह रहे हैं उनके पास विकास की नींव रखने का एक बड़ा मौका है। 31 मार्च, 2022 को खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में भारत की अर्थव्यवस्था USD 3.39 ट्रिलियन जीडीपी यूके से आगे निकल गई, जिससे यह अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई।