Aditya L1 Mission: चंद्रयान-3 की बड़ी कामयाबी के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल-1 लॉन्च कर चुका है। अंतरिक्ष विज्ञान (space science) के इतिहास में एक और नया अध्याय लिख गया। इस प्रोजेक्ट की निदेशक तेन्काशी निवासी निगार शाजी के नेतृत्व में कई लोगों ने कड़ी मेहनत की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बताया कि इसरो में पिछले 35 साल से वो सेवाएं दे रहीं हैं। निगार शाजी पिछले पिछले 8 सालों से इस जटिल मिशन को संभाल रही हैं।
शाजी ने कहा कि मैं इस मिशन का हिस्सा बनकर वास्तव में सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। शाजी ने भारतीय रिमोट सेंसिंग, संचार और अंतर ग्रहीय उपग्रह कार्यक्रम में विभिन्न जिम्मेदारियां निभाई हैं।
निगार शाजी ने तीन चंद्र मिशनों का किया नेतृत्व
निगार शाजी तमिलनाडु के तेनकासी की रहने वाली हैं। शाजी राज्य के उस प्रतिष्ठित नामों की सूची में शामिल हो गईं हैं, जिन्होंने मून मिशन का नेतृत्व किया था। इस लिस्ट में मयिलसामी अन्नादुरई, एम वनिता और पी वीरमुथुवेल शामिल हैं। जिन्होंने अब तक देश के तीन चंद्र मिशनों का नेतृत्व किया है। 59 साल की शाजी का जन्म किसान परिवार में हुआ है। उनके पिता का नाम शेख मीरान (Sheikh Meeran) और माता का नाम सैतून बीवी (Saitoon Biwi) है। शाजी ने तिरुनेलवेली सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने रांची में बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Birla Institute of Technology) से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन (electronics and communications) में मास्टर डिग्री हासिल की है।
जानिए इसरो में कब शामिल हुईं निगार शाजी ?
शाजी 1987 में इसरो के उपग्रह केंद्र से जुड़ीं। बाद में बेंगलुरु में यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में काम किया। यहां उन्होंने आदित्य-एल1 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की नियुक्त से पहले कई बड़े पदों पर काम किया है। शाजी इसरो, बेंगलुरु में सैटेलाइट टेलीमेट्री सेंटर (Satellite telemetry centre) की भी हेड रह चुकी हैं।
निगार शाजी का बेटा भी है वैज्ञानिक
इन दिनों निगार शाजी अपनी मां और बेटी के साथ बेंगलुरु में रह रही हैं। उनके पति मध्य पूर्व में एक इंजीनियर के रूप में काम करते हैं। जबकि उनका बेटा नीदरलैंड में वैज्ञानिक है। बता दें कि इसरो के लगभग सभी मिशनों में बड़ी संख्या में महिलाएं बड़े स्तर पर काम कर रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक, अंतरिक्ष एजेंसी में 16,000 से अधिक कर्मचारियों में से करीब 20-25 फीसदी महिलाएं हैं।