प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को नई राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति (National Logistics Policy) को लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर की चुनौतियों का समाधान देने वाली, अंतिम छोर तक डिलिवरी की गति बढ़ाने और कंपनियों/उद्यमियों के लिए पैसों की बचत करने वाली है। इस पॉलिसी से बिजनेसों की लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 13-14 फीसदी से घटकर सिंगल अंक में आने का अनुमान है।
PM मोदी ने कहा कि आज भारतीय बंदरगाहों की कुल क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई है और पोतों का औसत ‘टर्न-अराउंड टाइम’ 44 घंटे से घटकर अब 26 घंटे पर आ गया है। उन्होंने कहा कि बंदरगाहों और समर्पित माल गलियारों को जोड़ने वाली सागरमाला परियोजना ने लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के कार्यों में सुधार लाना शुरू कर दिया है।
मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और यह मैन्युफैक्चरिंग के केंद्र के तौर पर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से शुरू की गई प्रोडक्शन से जुड़ी इंसेटिंव स्कीम (PLI) को दुनिया ने स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक सेक्टर को मजबूती देने के लिए सरकार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है और कस्टम्स ड्यूटी में बिना अधिकारी के सामने जाए असेसमेंट की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। वहीं ई-वे बिल और फास्टटैग भी लॉजिस्टिक सेक्टर में आसानी लाए हैं।
दुनिया भर के बाजारों में भारतीय उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए इसके सपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक पॉलिसी इस सिस्टम को आधुनिक बनाने में मदद देगी।
ड्रोन नीति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे लॉजिस्टिक सेक्टर बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दो साल के बाद आर्थिक ग्रोथ को गति देने में मदद की खातिर बनाई गई यह पॉलिसी नियमों को व्यवस्थित करेगी, सप्लाई चेन में रुकावटों को दूर करेगी और फ्यूल लागत व लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए रूपरेखा देगी।