महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने शुक्रवार को नवी मुंबई में अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा सेवा अटल सेतु का निरीक्षण किया। इसे अटल सेतु भी कहा जाता है। नए उद्घाटन किए गए समुद्री पुल पर दरारें देखे जाने के बाद लोगों की सुरक्षा पर चिंता जताई। हालांकि, पटोले के दावों के तुरंत बाद, सरकारी अधिकारियों ने साइट का दौरा किया और साफ किया कि असल में दरारें पुल को शहर से जोड़ने वाली सर्विस रोड पर दिखाई दी हैं।
21.8 किलोमीटर लंबे समुद्री पुल का उद्घाटन इस साल जनवरी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसे देश का सबसे लंबा समुद्री पुल माना जाता है, इसे 17,840 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया गया था।
न्यूज एजेंसी PTI की तरफ से जारी की गईं तस्वीरों के अनुसार, पटोले ने साइट का दौरा किया और पुल के स्ट्रक्चरल इश्यू के कारण लोगों की सुरक्षा के लिए संभावित खतरे पर अपनी चिंता जताई।
बारिश के कारण मामूली दरारें: मुंबई अधिकारी
इस बीच, दरारें उभरने पर अटल सेतु प्रोजेक्ट के चीफ कैलाश गनात्रा ने साफ किया कि दरारें नए उद्घाटन किए गए अटल सेतु पर नहीं बल्कि इसे शहर से जोड़ने वाली सर्विस रोड पर दिखाई दीं। उन्होंने कहा कि तटीय सड़क की कमी के कारण आखिरी समय में सर्विस रोड को टेम्परेरी कनेक्टिंग रूट के रूप में बनाया गया था।
गनात्रा ने आगे सड़क पर पड़ी दरारों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये सिर्फ बारिश के कारण आई छोटी-मोटी दरारें हैं और इन्हें कल शाम तक भर दिया जाएगा।
बता दें अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी न्हावा शेवा अटल सेतु, जिसे आमतौर पर मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) के रूप में जाना जाता है, भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है, जो 21.8 Km तक फैला है। इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा समुद्र के ऊपर फैला हुआ है, जिसकी लंबाई 16.5 Km है। इस पर प्रतिदिन 70,000 से ज्यादा गाड़ियों की आवाजाही होती है।