कांग्रेस (Congress) सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इन दिनों 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) कर रहे हैं। इन दिनों उनकी यात्रा कर्नाटक (Karnataka) में है। यूं तो भारत जोड़ो यात्रा की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं, लेकिन रविवार को राहुल का ऐसा वीडियो आया, जो काफी चर्चाओं में हैं।
रविवार को राहुल गांधी ने मैसूर (Mysore) में चल रही 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तभी वहां तेज बारिश शुरू हो गई। हालांकि, राहुल उस तेज बारिश के बीच भी जनसभा को संबोधित करते रहे।
राहुल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अपने संबोधन का एक वीडियो भी शेयर किया। उन्होंने कहा, "भारत को एकजुट करने से हमें कोई नहीं रोक सकता। भारत की आवाज उठाने से हमें कोई नहीं रोक सकता। कन्याकुमारी से कश्मीर जाएंगे, भारत जोड़ो यात्रा को कोई नहीं रोक सकता।"
इस वीडियो के वायरल होते ही कांग्रेस और उसके नेताओं ने राहुल गांधी की प्रशंसा करने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
कांग्रेस ने राहुल गांधी के भाषण का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, "कोई बहाना नहीं। केवल जुनून। भारत जोड़ो यात्रा के अपने लक्ष्य को हासिल करने से रोकने के लिए कोई बड़ी बाधा नहीं है।”
वहीं कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “गांधी जयंती की शाम को मैसूर में मूसलाधार बारिश से बेपरवाह राहुल गांधी ने लोगों के बीच ऊर्जा पैदा कर दी। यह एक साफ घोषणा थी। कोई भी ताकत भारत जोड़ो यात्रा को नफरत के खिलाफ भारत को एकजुट करने, बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ बोलने से नहीं रोक सकती।"
यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्वीट किया, “बापू के आशीर्वाद से दिन की शुरुआत हुई और बारिश के आशीर्वाद से खत्म हुआ। भारी बारिश के बावजूद, राहुल गांधी यात्रियों को संबोधित करते हुए वहीं खड़े रहे।"
'गांधी की विरासत को हथियाना आसान, उनके पदचिह्नों पर चलना मुश्किल'
इससे पहले राहुल गांधी ने महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि सत्ता में बैठे लोगों के लिए महात्मा गांधी की विरासत को ‘हथियाना’ आसान है, लेकिन उनके पदचिह्नों पर चलना मुश्किल है।
राहुल ने यहां एक खादी ग्रामोद्योग केंद्र का दौरा करने के बाद कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा ने पिछले आठ सालों में असमानता, विभाजन और कड़ी मेहनत से हासिल की गई आजादी का हनन किया है। महात्मा गांधी ने 1927 और 1932 में इस केंद्र का दौरा किया था।
राहुल एक प्रार्थना सभा में भी शामिल हुए और खादी ग्रामोद्योग केंद्र में महिला बुनकरों से बातचीत की। बाद में वह मैसूरु के समीप बदनवालु गांव गए और उन्होंने ‘श्रमदान’ करने के अलावा ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने गांव के बच्चों के साथ तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज) में रंग भी भरा।