Bihar Caste Survey: 27% पिछड़ा वर्ग, 36% अत्यंत पिछड़ा वर्ग और सामान्य 16%... बिहार में जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी

Bihar Caste Survey: जनगणना के मुताबिक, बिहार में भूमिहारों की आबादी 2.86 प्रतिशत, ब्राह्मणों की 3.66 प्रतिशत, कुर्मियों की 2.87 प्रतिशत, मुसहरों की 3 प्रतिशत और यादवों की 14 प्रतिशत है। प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का काम पूरा कर लिया है। अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है

अपडेटेड Oct 02, 2023 पर 2:52 PM
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Bihar Caste Survey: सर्वेक्षण में बिहार की कुल जनसंख्या 13 करोड़ से अधिक बताई गई है

Bihar Caste Survey: बिहार में जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई है। जनगणना के मुताबिक, बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01% और सामान्य वर्ग यानी जनरल 15.52% हैं। बिहार के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है। रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि अनुसूचित जातियां 19 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं। जबकि अनुसूचित जनजातियां 1.68 प्रतिशत हैं। बिहार की आबादी में ऊंची जातियां यानी 'सवर्ण' 15.52 प्रतिशत (ब्राह्मण 3.65 फीसदी) हैं। नीतीश कुमार प्रशासन के तहत किया गया यह सर्वेक्षण काफी बहस और कानूनी जांच का विषय रहा है।

जाति-आधारित सर्वेक्षण को बिहार जाति आधारित गणना के रूप में भी जाना जाता है। सर्वेक्षण में बिहार की कुल जनसंख्या 13 करोड़ से अधिक बताई है। रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछड़ा वर्ग जनसंख्या का 27 प्रतिशत है, जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36 प्रतिशत है। पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के रूप में जाना जाता है, जो बिहार की आबादी का 63 प्रतिशत है। वहीं, 17.07 फीसदी मुस्लिम आबादी है।

13 करोड़ से अधिक हुई जनसंख्या


जनगणना के मुताबिक, बिहार में भूमिहारों की आबादी 2.86 प्रतिशत, ब्राह्मणों की 3.66 प्रतिशत, कुर्मियों की 2.87 प्रतिशत, मुसहरों की 3 प्रतिशत और यादवों की 14 प्रतिशत है। प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का काम पूरा कर लिया है। अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है। जनगणना के मुताबिक हिंदू 81.99 फीसदी, मुस्लिम 17.70 फीसदी, ईसाई 0.057 फीसदी, सिख 0.011 फीसदी, बौद्ध 0.085 फीसदी , जैन 0.009 फीसदी, अन्य धर्म 0.127 फीसदी हैं।

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BJP ने उठाए सवाल

बिहार सरकार द्वारा जातीगत जनगणना की रिपोर्ट जारी करने पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह "जातीय जनगणना बिहार की गरीब जनता में भ्रम फैलाने के सिवा कुछ नहीं है। नीतीश कुमार के 15 साल और लालू यादव के 18 साल के अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में गरीबों का क्या उद्धार किया, कितने लोगों को नौकरी दी। यह रिपोर्ट भ्रम के अलावा कुछ नहीं।"

RJD-JDU में खुशी की लहर

वहीं, JDU नेता के. सी. त्यागी ने कहा, "कर्पूरी ठाकुर और वी.पी. सिंह के बाद पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता के रूप में नीतीश कुमार उभरे हैं। आज साबित हुआ है कि वे (पिछड़ा वर्ग) 63% हैं। हम नीतीश कुमार को सलाम करते हैं और चाहते हैं कि देश में घूमकर जनता को आंदोलित करें जिससे हर राज्य को जातीगत जनगणना करानी पड़े। यह अगले चुनाव के लिए एजेंडा तय हुआ है।"

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा, "आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई!"

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RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि आज गांधी जयंती पर हम सभी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने हैं। भाजपा की तमाम साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम साजिशों के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे जारी कर दिया। ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और प्रगति के लिए समग्र योजना बनाने और आबादी के अनुपात में वंचित समूहों को प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगे।

Akhilesh

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First Published: Oct 02, 2023 2:19 PM

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