केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसदीय क्षेत्र गुजरात के गांधीनगर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) क्रिकेट और कबड्डी का टूर्नामेंट आयोजित करने की तैयारी कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस टूर्नामेंट का नाम गांधीनगर लोकसभा प्रीमियर लीग 370 (GLPL 370) रखा जाएगा। स्थानीय नेताओं का कहना है कि इस टूर्नामेंट का मकसद अधिक से अधिक युवाओं को पार्टी की ओर आकर्षित करना है।
अहमदाबाद सिटी बीजेपी इकाई के महासचिव जीतूभाई पटेल इसकी पुष्टि करते हुए अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि अनुच्छेद 370 के नाम पर ही इस सीरीज का नाम रखा गया है जिसको अमित शाह जी के नेतृत्व में साल 2019 में समाप्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि दिसंबर के मध्य में टूर्नामेंट शुरू करने की योजना है। आपको बता दें कि शाह गांधी नगर लोकसभा सीट से ही सांसद हैं।
गांधीनगर लोकसभा संसदीय सीट के BJP इंचार्ज हर्षद पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस कार्यक्रम को उन्हें (युवाओं) मतदाता बनाने के लिए आयोजित किया जा रहा जिनका नाम वोटर लिस्ट में है। इसके लिए क्रिकेट और कबड्डी को चुना गया है। लक्ष्य है कि हर वार्ड से कम से कम दो टीमें (क्रिकेट और कबड्डी के एक-एक) हों।
हर्षद पटेल ने आगे कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने पहले इस (विचार) पर पार्टी के अंदर 8-10 लोगों से चर्चा की थी। इसके बाद उन्होंने बताया कि 200-250 पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बाद में बैठक बुलाई गई और उन्हें विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
गुजरात के मंत्री जगदीश विश्वकर्मा जो कि 5 साल पहले अहमदाबाद में कर्णावती प्रीमियर लीग (KPL) नामक क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित कर चुके हैं उन्हें इस टूर्नामेंट की योजना बनाने का काम दिया गया है। अमित शाह ने ही 2016 में KPL का उद्घाटन किया था।
बीजेपी की राज्य इकाई के महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला ने कहा कि लोकसभा क्षेत्र की एक पूरी टीम शामिल है। पूरे निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक कबड्डी टूर्नामेंट और इसके सात विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए सात क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित करने की योजना है। टीमों का रजिस्ट्रेशन पहले से ही चल रहा है।
सात विधानसभा क्षेत्र वेजलपुर, घाटलोदिया, नारनपुरा, साबरमती, कलोल, गांधीनगर (उत्तर) और सानंद हैं। लोकसभा क्षेत्र में अहमदाबाद और गांधीनगर में लगभग 1,800 बूथ हैं, और स्थानीय बीजेपी पदाधिकारियों को टीमों, स्थानों और टिप्पणीकारों की पहचान करने से लेकर नियम बनाने तक की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।