बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने रविवार को अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। पार्टी के एक नेता ने यह जानकारी दी। BSP की शाहजहांपुर इकाई के जिला अध्यक्ष उदयवीर सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि बसपा अध्यक्ष ने बैठक में अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। वह मायावती की तरफ से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) की तैयारी के सिलसिले में बुलाई गई पार्टी पदाधिकारी की बैठक में शामिल होने आए थे।
सिंह ने बताया कि यहां बसपा कार्यालय में हुई देश भर के पार्टी नेताओं की बैठक में मायावती ने ये घोषणा की। मायावती की तरफ से किए गए ऐलान के बारे में खासतौर से पूछे जाने पर सिंह ने कहा, "उन्होंने (मायावती) कहा कि वह (आकाश) उनके बाद उनके उत्तराधिकारी होंगे।"
सिंह ने कहा, "उन्हें (आकाश) उत्तर प्रदेश को छोड़कर पूरे देश में पार्टी संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है।" हालांकि, पार्टी के आधिकारिक बयान में ऐसे किसी घोषणा का जिक्र नहीं किया गया है।
लंदन से एमबीए ग्रेजुएट आकाश 2016 में पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखे, जब वह मायावती के साथ सहारनपुर गए थे। 28 साल के आकाश ने फरवरी 2017 में मेरठ में एक रैली के दौरान उनके साथ मंच भी साझा किया था। 2019 में, आनंद को BSP का 'स्टार प्रचारक' बनाया गया था।
अप्रैल 2019 में, चुनाव आयोग की तरफ से BSP सुप्रीमो मायावती पर 48 घंटे के लिए प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाने के बाद, उनके भतीजे आकाश आनंद ने आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान में एक संयुक्त 'गठबंधन' रैली को संबोधित किया।
सूत्रों के मुताबिक, उस समय आकाश को पार्टी में शामिल करना युवा मतदाताओं को बसपा की ओर आकर्षित करने की मायावती की बड़ी नीति का हिस्सा था।
आकाश आनंद पिछले साल से राजस्थान में पार्टी के मामलों के प्रभारी भी हैं। आकाश को कई मौकों पर पार्टी हलकों में देखा गया है और वह BSP के राष्ट्रीय समन्वयक के आधिकारिक पद पर हैं।
आकाश आनंद के आधिकारिक X अकाउंट के अनुसार, वह खुद को "बाबा साहेब के दृष्टिकोण का एक युवा समर्थक" बताते हैं।
आकाश आनंद ने पार्टी की 14 दिवसीय 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा' का भी नेतृत्व किया।
जनवरी 2019 में मायावती ने आकाश आनंद की पार्टी में एंट्री का ऐलान किया था। हालांकि, उस समय, मायावती पर भाई-भतीजावाद के आरोप लगे थे। तब उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा था कि आनंद ने "पार्टी के उपाध्यक्ष का पद नहीं लेने का फैसला किया है।"
मायावती ने मीडिया से कहा, "हाल ही में मैंने आनंद को उपाध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन भाई-भतीजावाद के कारण, उन्होंने खुद ये पद नहीं लेने का फैसला किया। दुर्भाग्य से, आकाश को मेरे जन्मदिन पर देखे जाने के बाद, कुछ चैनलों ने उन्हें घसीटा और पार्टी के भविष्य के चेहरे के रूप में पेश किया।"
बाद में जून में मायावती के भाई आनंद कुमार को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया।