BSP suspends Danish Ali: बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अपने सांसद दानिश अली (Danish Ali) को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में शनिवार को पार्टी से निलंबित कर दिया। दानिश अली हाल ही में तब सुर्खियों में रहे थे, जब बीजेपी सासंद रमेश विथूड़ी ने संसद में उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था। उस वक्त पूरे विपक्ष ने दानिश अली के साथ एकजुटता दिखाई थी। महुआ मित्रा के कथित 'कैश फॉर क्वैरी' मामले में भी दानिश अली सुर्खियों में रहे थे। वह एथिक्ट कमेटी के सदस्य हैं और कमेटी ने महुआ मित्रा मामले में प्रेस को गुमराह करने और गलत बयानबाजी को लेकर उनपर भी कार्रवाई की सिफारिश की है।
BSP ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि दानिश अली को अनेकों बार मौखिक रूप से चेतावनी दी गई, लेकिन वह उसके बाद भी लगातार पार्टी के विरूद्ध जाकर कार्य करते आ रहे थे।
BSP ने अपने लेटर में क्या कहा?
BSP ने आगे कहा, "कर्नाटक के उस चुनाव नतीजों के बाद श्री देवगौड़ा जी के अनुरोध पर आपको अमरोहा से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में टिकट दिया गया। इस टिकट के दिए जाने के पहले देवगौड़ा ने यह आश्वासन दिया था कि आप बहुजन समाज पार्टी का टिकट मिलने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सभी नीतियों व निर्देशों का सदैव पालन करेंगे और पार्टी के हित में ही कार्य करेंगे।"
BSP ने कहा, "इस आश्वासन को आपने भी उनके सामने दोहराया था। इसी आश्वासन के बाद ही आपको BSP की सदस्यता ग्रहण कराई गई थी और अमरोहा से चुनाव लड़ाकर और जिताकर लोकसभा में भेजा गया परन्तु आप अपने दिए गये आश्वासनों को भूल कर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। ऐसे में अब पार्टी के हित में आपको बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।"
"बहन मायावती का आज का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण", निलंबन के बाद बोले दानिश अली
BSP से निलंबित होने के बाद दानिश अली ने कहा, "मैं बहन मायावती जी का हमेशा शुक्रगुज़ार रहूँगा की उन्होंने मुझे BSP का टिकट दे कर लोकसभा का सदस्य बनने में मदद की। बहन जी ने मुझे बसपा संसदीय दल का नेता भी बनाया। मुझे सदैव उनका असीम स्नेह और समर्थन मिला। उनका आज का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन से बसपा को मज़बूत करने का प्रयास किया है और कभी भी किसी प्रकार का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है। इस बात की गवाह मेरे अमरोहा क्षेत्र की जनता है।"
दानिश अली ने आगे कहा, "मैंने सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध जरूर किया है और करता रहूंगा। चंद पूंजीपतियों द्वारा जनता कि संपत्तियों की लूट के खिलाफ भी मैंने आवाज उठायी है और उठाता रहूंगा। क्योंकि यही सच्ची जन सेवा है। यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने ये जुर्म किया है, और मैं इसकी सजा भुगतने को तैयार हूं। मैं अमरोहा की जानता को आश्वस्त करना चाहता हूं की आप की सेवा में हमेशा हाजिर रहूंगा।"