Sawai Man Singh Hospital: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। रविवार देर रात सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में भीषण आग लगने से आठ मरीजों ने दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रशासन ने पुष्टि की है कि तीन अन्य मरीजों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। घटना के बाद सोमवार सुबह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अस्पताल का दौरा किया।
SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ के अनुसार, आग लगने की आशंका अस्पताल की दूसरी मंजिल पर स्थित ट्रॉमा आईसीयू में एक शॉर्ट सर्किट से है। आग तेजी से फैली और देखते ही देखते वार्ड में जहरीला व घना धुआं भर गया। हादसे के वक्त आईसीयू और उससे सटे सेमी-आईसीयू में कुल 24 मरीज भर्ती थे। इनमें से ज्यादातर मरीज कोमा में थे और हिलने-डुलने में असमर्थ थे।
डॉ. धाकड़ ने बताया कि नर्सिंग अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने तुरंत ट्रॉली की मदद से मरीजों को बाहर निकालना शुरू किया। उन्होंने कहा, 'हमने ज्यादा से ज्यादा मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन छह गंभीर मरीजों को CPR और हर संभव प्रयास के बावजूद नहीं बचाया जा सका।' मृतकों में दो महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं, जिनकी मौत कथित तौर पर गंभीर रूप से धुएं के सांस लेने और जलने के कारण हुई।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
हादसे में अपनी मां को खोने वाले एक परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना था, 'आईसीयू में आग बुझाने के लिए कोई उपकरण ही नहीं था। कोई अग्निशामक यंत्र नहीं, कोई ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं, यहां तक कि आग बुझाने के लिए पानी भी नहीं था।' उन्होंने कहा कि सुविधाओं की कमी के कारण वे असहाय होकर धुआं भरते देखते रहे और उनकी मां को नहीं बचाया जा सका।
दमकल कर्मियों और अस्पताल के कर्मचारियों ने मिलकर आग पर काबू पाया और आग प्रभावित क्षेत्रों से मरीजों को बाहर निकाला। जयपुर के पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि आग लगने की सही वजह फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की जांच के बाद ही पता चलेगी। कमिश्नर जोसेफ ने कहा, 'पहली नजर में यह शॉर्ट सर्किट का मामला लगता है, लेकिन अंतिम कारण FSL जांच के बाद ही पता चलेगा।' राजस्थान सरकार ने घटना की उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दिया है, ताकि शॉर्ट सर्किट के कारण और सुरक्षा या बिजली के रखरखाव में किसी भी तरह की चूक का पता लगाया जा सके।