कांग्रेस (Congress) पार्टी ने 2 सितंबर को "राष्ट्रीय मुद्दों पर निरंतर आंदोलन" की योजना बनाने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की। इस नौ सदस्यीय समिति का नेतृत्व सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) करेंगे। पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) भी दंड की सदस्य हैं।
पैनल के अन्य सदस्यों में तेलंगाना से सांसद उत्तम कुमार रेड्डी, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के पार्टी प्रभारी मनीष चतरथ, कर्नाटक से राज्यसभा के पूर्व सदस्य बीके हरिप्रसाद, असम से राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा, पूर्व सांसद उदित राज, राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और उत्तर प्रदेश के पार्टी प्रभारी जुबेर खान शामिल हैं।
बयान में कहा गया, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने तत्काल प्रभाव से समिति का गठन किया है।" इससे पहले 19 राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि वे 20 से 30 सितंबर तक देश भर में संयुक्त विरोध और प्रदर्शन करेंगे, इसके लगभग दो हफ्ते बाद कांग्रेस ने ये पैनल बनाया है।
इन दलों के नेताओं ने देश के लोगों से बेहतर कल के लिए भारत को बचाने का आग्रह किया। विरोध का फैसला नेताओं ने 20 अगस्त को सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई वर्चुअल मीटिंग के दौरान लिया था।
इस बैठक में, सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों से 2024 के आम चुनावों के लिए "व्यवस्थित रूप से योजना" बनाने और मजबूरियों से ऊपर उठकर "एकजुट होकर" काम करने का भी आग्रह किया।