दिल्ली CM आवास रेनोवेशन मामले में CBI ने दर्ज किया केस, केजरीवाल के बंगले पर 45 करोड़ खर्च करने का आरोप

Kejriwal Bungalow Row: पिछले साल रिपोर्ट सामने आई थी कि केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन पर कथित तौर पर 45 करोड़ खर्च हुए हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि यह रेनेवोशन उस समय हो रहा था जब दिल्ली के लोग कोरोना वायरस की भीषण महामारी से जूझ रहे थे। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, कुल 44.78 करोड़ रुपये सिविल लाइंस में छह-फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित केजरीवाल के सरकारी आवास के "अतिरिक्त निर्माण या बदलाव" पर खर्च किए गए

अपडेटेड Sep 27, 2023 पर 7:23 PM
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Kejriwal Bungalow Row: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बड़ा आरोप लगा है

Delhi CM Residence Renovation Case: दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सरकारी आवास के रेनोवेशन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने केस दर्ज कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, CBI ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी निवास की मरम्मत के दौरान कथित वित्तीय अनियमिताओं की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई जांच की अनुमति दी है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने बंगले के रेनोवेशन से जुड़े दस्तावेज 3 अक्‍टूबर तक मांगे है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सरकारी घर के डेकोरेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया है। जांच "दिल्ली सरकार के अज्ञात पब्लिक सर्विस" के खिलाफ दायर की गई है। यदि पूछताछ में पर्याप्त जानकारी सामने आती है तो केंद्रीय एजेंसी पुलिस मामला दर्ज करेगी। सीबीआई ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर मामले से संबंधित दस्तावेजों की मांग की है।

दिल्ली के BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी बंगले और ऑफिस दोनों को सजाने के लिए 45 करोड़ रुपए खर्च किए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को इस्तीफा दे देना चाहिए। आम आदमी पार्टी ने कहा कि BJP चाहें जितनी भी जांच करा ले। पहले भी कुछ नहीं निकला और आगे भी कुछ नहीं निकलेगा।


45 करोड़ खर्च करने का आरोप

दरअसल, न्यूज चैनल 'टाइम्स नाउ नवभारत' के हवाले से पिछले साल रिपोर्ट सामने आई थी कि केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन पर कथित तौर पर 45 करोड़ खर्च हुए हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि यह रेनेवोशन उस समय हो रहा था जब दिल्ली के लोग कोरोना वायरस की भीषण महामारी से जूझ रहे थे।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, कुल 44.78 करोड़ रुपये सिविल लाइंस में छह-फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित केजरीवाल के सरकारी आवास के "अतिरिक्त निर्माण या बदलाव" पर खर्च किए गए। दस्तावेजों के मुताबिक, यह राशि 9 सितंबर, 2020 से जून, 2022 के बीच छह किस्तों में खर्च की गई।

AAP का जवाब

आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा है कि ये घर 80 साल पुराना है। पार्टी ने कहा कि ये घर रहने के लिए सुरक्षित नहीं रह गया था इसलिए इसको दोबारा से बनवाने की जरूरत थी। बीजेपी का आरोप है कि दिल्लीवालों द्वारा टैक्स भरने वालों के पैसे से अरविंद केजरीवाल ने 45 करोड़ रुपये अपने आवास पर खर्च किए।

आम आदमी पार्टी का कहना है ये घर मुख्यमंत्री का अपना घर नहीं है। बल्कि सरकारी आवास है। ये खर्च सरकारी संपत्ति पर ही किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा देखे गए PWD दस्तावेजों के अनुसार, सीएम केजरीवाल के आवास में काम कराने की पहली मंजूरी 1 सितंबर, 2020 को दी गई थी।

PWD अधिकारियों ने दिल्ली हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि उन्होंने किसी भी नियम या कानून का उल्लंघन नहीं किया है। मुख्यमंत्री के आधिकारिक बंगले के संबंध में किया गया कार्य नियमों का पूरी तरह से पालन करते हुए किया गया था।

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