Delhi Chalo March: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के मार्च के मद्देनजर बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखकर अनुमति देने से इनकार कर दिया और किसानों के मार्च के प्रति एकजुटता व्यक्त की। गहलोत ने कुमार को लिखे पत्र में कहा, "किसानों की मांगें जायज हैं। दूसरी बात, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। इसलिए, किसानों को गिरफ्तार करना गलत है।"
गहलोत ने आगे कहा, "केंद्र सरकार को वास्तव में उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित करना चाहिए और उनकी वास्तविक समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए। देश के किसान हमारे 'अन्नदाता' हैं और उन्हें गिरफ्तार करके इस तरह का व्यवहार करना उनके घावों पर नमक छिड़कने जैसा होगा। हम केंद्र सरकार के इस फैसले में पक्षकार नहीं हो सकते।''
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू कर दिया है।
पंजाब-हरियाणा सीमा पर तनाव
किसानों के दिल्ली कूच करने के बीच अंबाला के समीप शंभू में पंजाब से लगती सीमा पर लगाए बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश करने वाले किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कुछ किसानों को शंभू सीमा के पास हिरासत में भी लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च में शामिल युवाओं के एक समूह ने अंबाला में शंभू सीमा पर लगाए बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
जब कुछ युवाओं ने लोहे के बैरिकेड्स तोड़े और इसे घग्घर नदी पुल से फेंकने की कोशिश की तो पुलिस को आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े। उन्होंने बाद में आंसू गैस का गोला गिराने के लिए एक ड्रोन का भी इस्तेमाल किया। किसानों ने फसलों के लिए MSP की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगों को लेकर दो केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद दिल्ली की ओर कूच करने का फैसला किया।
फतेहगढ़ साहिब से शुरू हुआ मार्च
कई किसानों ने अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ फतेहगढ़ साहिब से सुबह करीब 10 बजे मार्च शुरू किया और वे शंभू सीमा के जरिए दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। फतेहगढ़ साहिब और शंभू सीमा के बीच दूरी करीब 35-40 किलोमीटर है। किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉली के काफिले को नेशनल हाईवे पर शंभू सीमा की ओर बढ़ते हुए देखा गया। ट्रैक्टर-ट्रॉली में बुजुर्ग, युवा और महिलाओं को बैठे हुए देखा गया। हरियाणा की ओर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने पंजाब की ओर से सीमा पर आ रहे युवाओं के एक समूह को शंभू सीमा के समीप अवरोधकों से दूर रहने को भी कहा।
पुलिस ने कंक्रीट के बैरिकेड्स, लोहे की कीलों और कंटीली तारों का इस्तेमाल कर अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सिरसा में कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं की किलेबंदी कर दी है। पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर कई स्थानों पर पानी की बौछारें करने वाली गाड़ियों समेत दंगा रोधी वाहन भी तैनात किए गए हैं। सुरक्षाकर्मी ड्रोन के जरिए भी सुरक्षा पर नजर रख रहे हैं।
हरियाणा सरकार ने भी 15 जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू की हैं जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने और ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने 'दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर मंगलवार को पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर भारी बैरिकेड्स लगाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि राज्य की सीमाएं 'अंतरराष्ट्रीय सीमाओं' में बदल गई है।