'मुस्लिम और यादव मुझसे किसी भी मदद की उम्मीद न करें', ये क्या बोल गए JDU सांसद देवेश चंद्र ठाकुर?
71 साल के देवेश चंद्र ठाकुर हाल में हुए लोकसभा चुनाव में करीब 55,000 वोटों के अंतर से सीतामढी सीट से निर्वाचित हुए हैं। यह उनका पहला संसदीय चुनाव था। बिहार में सात्तारूढ़ JDU के सांसद ने कहा कि उन्होंने अपनी इस भावना के बारे में मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति को भी बता दिया था, जो चुनाव के बाद उनसे मिलने आये थे।
बिहार के सीतामढ़ी से जनता दल (यूनाइटेड) के नव निर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर
बिहार के सीतामढ़ी से जनता दल (यूनाइटेड) के नव निर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने "मुस्लिम और यादव समुदाय" के मतदाताओं पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पक्ष में मतदान नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों समुदायों के लोगों को उनसे किसी मदद की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में ठाकुर को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि "NDA के अपने मतदाता" भी विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर चले गए।
71 साल के ठाकुर हाल में हुए लोकसभा चुनाव में करीब 55,000 वोटों के अंतर से सीतामढी सीट से निर्वाचित हुए हैं। यह उनका पहला संसदीय चुनाव था।
चाय और नाश्ता भी कराया जाएगा, लेकिन काम नहीं
उन्होंने कहा, "मैंने ये साफ कर दिया है कि यादव और मुसलमान समुदाय के लोगों को मुझसे किसी तरह की मदद की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। जब वे मुझसे मिलेंगे तो उनका उपयुक्त सम्मान करूंगा, यहां तक कि उन्हें चाय और नाश्ता भी कराया जाएगा, लेकिन मैं उनकी कोई भी समस्या नहीं सुनूंगा।"
ठाकुर ने कहा, "मुझे सूरी और कलवार जाति का वोट नहीं मिला है। यहां तक कि कुशवाहा समुदाय ने भी मुझे अकेला छोड़ दिया। सिर्फ इसलिए कि आदरणीय लालू प्रसाद ने कुशवाहा समुदाय के कई लोगों को टिकट दिया। क्या किसी दूसरी सीट से निर्वाचित कोई कुशवाहा मेरे निर्वाचन क्षेत्र के इस समुदाय के सदस्यों की कोई मदद कर सकता है।"
हालांकि, Moneycontrol Hindi उनके इस वीडियो को पूरी तरह से वेरीफाई नहीं कर सकता है।
पहले ही लौटा दिया एक 'मुस्लिम' शख्स
बिहार में सात्तारूढ़ JDU के सांसद ने कहा कि उन्होंने अपनी इस भावना के बारे में मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति को भी बता दिया था, जो चुनाव के बाद उनसे मिलने आये थे।
ठाकुर ने कहा, "मैंने मुस्लिम भाई से पूछा, आप मुझसे किसी काम की अपेक्षा कैसे कर सकते हैं, जब आपने मुझे सिर्फ इसलिए अपना वोट नहीं दिया कि मेरी पार्टी ने BJP के साथ गठबंधन किया है।"
सांसद ने दावा किया कि वो शख्स इस तर्क से सहमत थे, और अपने चुनावी निर्णय पर खेद जताते हुए वापस चले गए।
RJD और BJP ने भी की निंदा
अपने मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक हलकों में ‘अजातशत्रु’ कहे जाने वाले ठाकुर ने अपनी पार्टी के लिए यह सीट बरकरार रखी। पार्टी ने इस सीट से सांसद सुनील कुमार पिंटू को टिकट नहीं दिया था।
ठाकुर ने RJD के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अर्जुन राय को हराया था, अर्जुन सीतामढ़ी से सांसद रह चुके हैं। JDU नेता के बयानों की विपक्षी RJD के साथ-साथ सहयोगी BJP ने भी निंदा की।
RJD के विधायक और मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा, "ठाकुर का बयान काफी आपत्तिजनक है। सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र के सभी समुदाय के लोगों का प्रतिनिधि होता है।"
JDU ने दी सफाई
BJP के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने भी ठाकुर का नाम लिए बिना कहा, ‘‘जातिगत पूर्वाग्रह से ग्रस्त तरीके से अपनी हताशा को व्यक्त करना राजनीति में शर्मनाक और निंदनीय है। भाजपा सभी सामाजिक वर्गों को साथ लेकर चलती है। बिहार में कोई भी राजनीतिक दल सफल नहीं हो सकता, अगर वह यादव समुदाय को हाशिए पर धकेलने की कोशिश करे, जिसकी आबादी में हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है।’’
JDU के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा, "यह अकल्पनीय है कि ठाकुर, समाज के किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव करेंगे। वो बस उन लोगों के वोट न मिलने पर अपनी पीड़ा जता रहे थे, जिनकी उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मदद की थी।’’