केंद्र में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बन चुकी है। अब पूरे देश की निगाहें लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) पर टिकी हुई हैं। चारो ओर चर्चा हो रही है कि आखिर इस बार गठबंधन की सरकार में स्पीकर का पद किसे मिलेगा। कहा जा रहा है कि जेडीयू और टीडीपी ने स्पीकर का पद मांगा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प हो जाएगा कि इस बार स्पीकर का पद किस पार्टी की झोली में जाता है। वैसे 26 जून को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा अध्यक्ष के नाम का प्रस्ताव रखेंगे। कहा जा रहा है कि स्पीकर की रेस में पूर्व लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला सबसे आगे चल रहे हैं।
इसके अलावा भतृहरि महताब और डी पुरंदेश्वरी का नाम भी चर्चा में है। वहीं ये भी माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लोकसभा स्पीकर का पद अपने पास रख सकती है। केंद्र में चंद्रबाबू की टीडीपी और नीतीश कमार की जेडीयू सहयोगी दल हैं।
विपक्ष को मिल सकता है डिप्टी स्पीकर का पद
आमतौर पर डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की परंपरा रही है। इस बार विपक्षी दलों का गठबंधन INDIA भी लोकसभा में मजबूत स्थिति में है। ऐसे में माना जा रहा है कि डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष के किसी सांसद को मिलेगा। दरअसल, 16वीं लोकसभा में NDA में शामिल रहे अन्नाद्रमुक के थंबीदुरई को यह पद दिया गया था। जबकि, 17वीं लोकसभा में किसी को भी डिप्टी स्पीकर नहीं बनाया गया था। लोकसभा स्पीकर का पद सत्ताधारी पार्टी या गठबंधन की ताकत का सिंबल होता है। लोकसभा के कामकाज को स्पीकर ही कंट्रोल करता है।
स्पीकर पद पर क्या है TDP का रुख
लोकसभा स्पीकर पर टीडीपी ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार खड़ा किया जाना चाहिए। टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पट्टाभि राम कोमारेड्डी ने कहा कि एनडीए के सहयोगी स्पीकर पद के चुनाव को लेकर एक साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि स्पीकर के लिए उम्मीदवार कौन होगा। आम सहमति बन जाने के बाद हम उस उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे और टीडीपी समेत सभी सहयोगी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।
NDA सरकार के लिए TDP और JDU का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले 240 सीटें मिली हैं, जो बहुमत के आंकड़े 272 से कम हैं। इसके अलावा टीडीपी को 16 सीटें मिलीं, जबकि जेडीयू को 12 सीटें मिलीं। इसी के बाद ही NDA को पूर्ण बहुमत मिल पाया।