Jharkhand Floor Test: हेमंत सोरेन सरकार 'फ्लोर टेस्ट' में पास, 45 वोट के साथ विधानसभा में हासिल किया विश्वास मत

Jharkhand Floor Test: कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन को 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए जाने से कुछ समय पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था

अपडेटेड Jul 08, 2024 पर 1:28 PM
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Jharkhand Floor Test: 45 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया

Jharkhand Floor Test: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली JMM सरकार ने सोमवार (8 जुलाई) को विधानसभा से विपक्ष के वॉकआउट के बीच विश्वास मत हासिल कर लिया। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में 45 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। निर्दलीय सदस्य सरयू राय ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। हेमंत सोरेन ने अपने पूर्ववर्ती चंपई सोरेन के पद से हटने के एक दिन बाद 4 जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन को 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए जाने से कुछ समय पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 76 विधायक हैं। हेमंत सोरेन ने 3 जुलाई को सरकार बनाने का दावा पेश किया था, जिसके बाद सत्तारूढ़ JMM-कांग्रेस-RJD गठबंधन ने राज्यपाल को 44 विधायकों की समर्थन सूची सौंपी थी।


हेमंत सोरेन ने तीसरी बार सीएम के तौर पर ली शपथ

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने जमानत मिलने के एक सप्ताह बाद 4 जुलाई की शाम राजभवन में राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में चूर लोगों ने उन्हें चुप कराने की कोशिश की, लेकिन अब राज्य की आवाज को मजबूती मिलेगी। हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन का स्थान लिया, जिन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में लगभग पांच महीने के संक्षिप्त कार्यकाल के बाद इस्तीफा दे दिया था।

हेमंत सोरेन के पिता और JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन, उनकी मां रूपी सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाले गठबंधन के वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे। चंपई सोरेन भी इस अवसर पर मौजूद थे। हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा कथित भूमि घोटाले से जुड़े मामले में जमानत दिए जाने के बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। ED द्वारा 31 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी से कुछ समय पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

सोरेन ने कब-कब संभाली राज्य की कमान?

बिहार में वर्ष 2000 से अलग होकर नया राज्य बनाए गए झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने तीसरी बार शपथ ली है। सोरेन पहली बार 2013 में मुख्यमंत्री बने थे और एक साल पांच महीने तक सत्ता में रहे थे। दिसंबर 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद वे फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए लेकिन इस साल जनवरी में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। शपथ ग्रहण करने के बाद सोरेन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपनी जिम्मेदारियों का अच्छी तरह निर्वाह किया।

JMM नेता ने कहा कि उन्हें 2019 में जनता की सेवा करने का मौका मिला था लेकिन षड़यंत्रकारियों को यह हजम नहीं हुआ कि एक आदिवासी युवक कैसे इतनी ऊंचाई तक पहुंच सकता है और आखिरकार 31 जनवरी को झूठे आरोपों पर मुझे हटा दिया गया। भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं है। सोरेन ने कहा कि वह झारखंड के लोगों की पूरे समर्पण के साथ सेवा करने के लिए तैयार हैं।

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शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोरहाबादी स्थित सिद्धू-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और बिरसा चौक स्थित आदिवासी महानायक बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वे राज्य सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया। हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।

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First Published: Jul 08, 2024 1:19 PM

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