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Karnataka Assembly Election: बड़ी लड़ाई के लिए पूरी तैयारी, हंगामे के बीच BJP को अभी भी कर्नाटक में बहुमत की उम्मीद

पीएम की लोकप्रियता के अलावा, पार्टी को उम्मीद है कि SC/ST और OBC के लिए आरक्षण कोटा बढ़ाने और कई नए चेहरों को मैदान में उतारने की सोशल इंजीनियरिंग से पार्टी को मदद मिलेगी। BJP के लिए बड़ी चुनौती अपने लिंगायत समर्थन आधार को बनाए रखना है, क्योंकि कांग्रेस उस क्षेत्र में सेंध लगाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है, जिसका उत्तरी कर्नाटक के कई क्षेत्रों में बड़ा प्रभाव पड़ेगा

अपडेटेड May 01, 2023 पर 9:14 PM
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के रोड शो के दौरान BJP समर्थक (PHOTO-PTI)

Karnataka Assembly Election: भारतीय जनता पार्टी (BJP) कर्नाटक में लहर को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर निर्भर है। PM और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सहित करीब 100 राष्ट्रीय नेता पार्टी की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए राज्य भर में प्रचार कर रहे हैं। BJP सत्ता में लौटने की उम्मीद कर रही है, लेकिन ज्यादातर सर्वे रिपोर्ट और जमीनी स्थिति से संकेत मिलता है कि ये एक आसान काम नहीं होने वाला है। पार्टी ने अपनी ओर से 140 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी टारगेट रखा है।

पीएम की लोकप्रियता के अलावा, पार्टी को उम्मीद है कि SC/ST और OBC के लिए आरक्षण कोटा बढ़ाने और कई नए चेहरों को मैदान में उतारने की सोशल इंजीनियरिंग से पार्टी को मदद मिलेगी।

BJP के लिए बड़ी चुनौती अपने लिंगायत समर्थन आधार को बनाए रखना है, क्योंकि कांग्रेस उस क्षेत्र में सेंध लगाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है, जिसका उत्तरी कर्नाटक के कई क्षेत्रों में बड़ा प्रभाव पड़ेगा।


अभी ये देखा जाना बाकी है कि पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी के जाने से उस मोर्चे पर कोई असर पड़ेगा या नहीं। सरकार के खिलाफ 40 प्रतिशत भ्रष्टाचार के आरोपों पर कांग्रेस के आक्रामक अभियान से BJP भी बचाव की मुद्रा में आई।

The New Indian Express के मुताबिक, बीजेपी के राज्य सचिव एन रविकुमार ने बताया कि उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के बाद, पार्टी ने सर्वे किया और पाया कि कई इलाकों में लोग पक्ष में हैं, जहां बीजेपी की कम उपस्थिति है।

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उन्होंने कहा, "उदाहरण के लिए, बीदर में, एक BJP विधायक था, जिसके बारे में हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार तीन होंगे। रायचूर में दो मौजूदा विधायक हैं और हम इस बार पांच सीटों पर विचार कर रहे हैं।"

रविकुमार ने कहा, कुल मिलाकर, हमें हर जगह बेहतर संख्या मिल रही है और हम कर्नाटक में फिर से सत्ता में आएंगे।

अभिनेता सुदीप, मांड्या की सांसद सुमलता और कई दूसरे बीजेपी के लिए प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के पास नए प्रचारक नहीं हैं और न ही हमारे जैसे नए मतदाता हैं।"

पार्टी की ताकत

  • - मोदी, राष्ट्रीय नेताओं की तरफ से अभियान।
  • - मजबूत आधार वाली कैडर आधारित पार्टी।
  • - लिंगायत समुदाय अभी भी पार्टी का समर्थन करता है।

पार्टी की कमजोरियां

  • - कई बागी प्रत्याशी
  • -विरोधी लहर
  • - भ्रष्टाचार के आरोप

क्या कांग्रेस गोल पोस्ट तक पहुंच सकती है?

देश भर में कांग्रेस के लिए अगर कोई कायाकल्प की उम्मीद है, तो वह कर्नाटक राज्य में है। 2013 से 2018 के बीच सत्ता में रही पार्टी इस बार भी कुछ ऐसे ही हालात की उम्मीद कर रही है।

JD(S) के लिए करो या मरो का मुकाबला

इस बीच जनता दल (सेक्युलर) को जोरदार वापसी की उम्मीद है। पार्टी के सामने करो या मरो की स्थिति हो सकती है, क्योंकि जितनी सीटें वह जीतती हैं, वह काफी हद तक पार्टी के भविष्य की दिशा को तय कर सकती हैं।

AAP को अच्छी टक्कर की उम्मीद

हाल ही में राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उभरी AAP ने 209 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। उनमें से कई किसान, डॉक्टर, वकील और इंजीनियर हैं। उनमें से कुछ खासतौर से बेंगलुरु में कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में अच्छी लड़ाई दे सकते हैं।

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