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क्या ममता बनर्जी ने आंदोलनरत डॉक्टरों को दी धमकी? प्रदर्शनकारियों के आरोपों पर सीएम का आया बयान

Kolkata doctor rape case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगा है कि वह कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर मामले के खिलाफ प्रदर्शन और रैलियां करने वाले प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को धमका रही थीं। महिला डॉक्टर से कथित तौर पर दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के विरोध में 21 दिन से हड़ताल पर हैं

अपडेटेड Aug 29, 2024 पर 3:18 PM
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Kolkata doctor rape case: सीएम ममता बनर्जी ने अब अपने बयान पर सफाई दी है

Kolkata Doctor Rape-Murder Protest: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार (29 अगस्त) को कहा कि उन्होंने सरकारी अस्पतालों के ट्रेनी डॉक्टरों को कोई धमकी नहीं दी है। ये डॉक्टर कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल की एक महिला डॉक्टर से कथित तौर पर दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के विरोध में 21 दिन से हड़ताल पर हैं। बनर्जी ने कहा कि कुछ लोगों ने उन पर प्रदर्शन कर रहे ट्रेनी डॉक्टरों को धमकाने का आरोप लगाया है, जो पूरी तरह से गलत है।

सीएम ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा, "मैं साफ तौर पर कहना चाहती हूं कि मैंने (मेडिकल आदि) छात्रों या उनके प्रदर्शन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं। उनका आंदोलन जायज है। मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी। धमकी देने का यह आरोप पूरी तरह से झूठा है।"

तृणमूल कांग्रेस (TMC) छात्र परिषद द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने बुधवार को बंगाल के प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से तत्काल काम पर लौटने के लिए विचार करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि वह हड़ताली ट्रेनी डॉक्टरों के करियर को ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज नहीं करना चाहतीं।


बनर्जी ने यह भी कहा, "मैंने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बोला है। मैंने उनके खिलाफ इसलिए बोला है क्योंकि भारत सरकार के समर्थन से वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है।"

डॉक्टरों ने अपील को किया खारिज

पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील को खारिज कर दिया है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का आरोप है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की यह टिप्पणी परोक्ष रूप से धमकी है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने काम पर लौटने की उनकी अपील को मानने से इनकार कर दिया। राज्य के जूनियर डॉक्टर एक महिला डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में काम बंद कर हड़ताल कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के एक सदस्य ने कहा कि जब तक आरजी कर अस्पताल की पीड़िता महिला डॉक्टर को न्याय मिलने समेत उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे आंदोलन वापस नहीं लेंगे। जूनियर डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को स्वास्थ्य सेवाओं से निलंबित करने तथा कोलकाता पुलिस कमिश्नर के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की मांग की।

डॉक्टरों के फोरम ने अपनी मांगों को लेकर कोलकाता के उत्तरी भाग में श्यामबाजार इलाके में एक रैली भी निकाली। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के सदस्य ने पीटीआई से कहा, "हमें यह जानकर खुशी हुई कि मुख्यमंत्री हमारे मुद्दे का समर्थन कर रही हैं। हम काम पर लौटना चाहते हैं लेकिन अभी यह संभव नहीं है क्योंकि हमारी मांगें तक पूरी नहीं हुई हैं।"

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तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, "मैं शुरू से ही डॉक्टरों के प्रति सहानुभूति रखती आ रही हूं, क्योंकि वे अपने सहयोगी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। हमने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि घटना को इतने दिन बीत चुके हैं। हम आपका दर्द समझते हैं। लेकिन, कृपया अब काम पर वापस लौट आइए, क्योंकि मरीज बेहद परेशान हैं।"

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