कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है और अगर नरेंद्र मोदी सरकार इस परंपरा का पालन करती है, तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा। उन्होंने संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को फोन किया था और फिर से फोन करने की बात की थी, लेकिन अब तक उनका फोन नहीं आया।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री विपक्ष से रचनात्मक सहयोग की उम्मीद करते हैं, लेकिन कांग्रेस के नेता का अपमान किया जा रहा है।
सरकार की नीयत साफ नहीं है: राहुल
उन्होंने कहा, "राजनाथ सिंह जी ने खड़गे जी को फोन किया और कहा कि अध्यक्ष (पद के उम्मीदवार) का समर्थन करिए। पूरे विपक्ष ने कहा है कि हम लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए सरकार की ओर से चुने गए उम्मीदवार का समर्थन करेंगे, लेकिन परंपरा है कि सदन के उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। राजनाथ जी ने कल शाम कहा था कि वह खड़गे जी को फिर फोन करेंगे। अभी तक खड़गे जी को उनका वापस फोन नहीं आया है।"
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया, "मोदी जी कह रहे हैं कि विपक्ष को रचनात्मक सहयोग देना चाहिए, लेकिन हमारे नेता का अपमान किया जा रहा है। (सरकार की) नीयत साफ नहीं है।"
विपक्ष ने शर्त के साथ समर्थन देने को कहा
राहुल गांधी ने दावा किया, "नरेंद्र मोदी जी कोई रचनात्मक सहयोग नहीं चाहते, क्योंकि परंपरा है कि लोकसभा उपाध्यक्ष विपक्ष का होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "परंपरा का पालन किया जाएगा, तो हम अध्यक्ष के चुनाव में सरकार को समर्थन देंगे।"
18वीं लोकसभा के नए अध्यक्ष (स्पीकर) पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार के निर्विरोध चुने जाने की संभावना बन रही है।
INDIA गुट ने के सुरेश को बनाया उम्मीदवार
वहीं सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाने पर कांग्रेस सांसद कोडिकुनिल सुरेश ने मंगलवार को इस पद के लिए विपक्ष की ओर से नामांकन दाखिल कर दिया। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP) के नेता एन के प्रेमचंद्रन ने बताया कि सुरेश ने नामांकन दाखिल किया है।
पिछली लोकसभा में निचले सदन के अध्यक्ष रहे ओम बिरला ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार देर रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की और इस मुद्दे पर विपक्ष का समर्थन मांगा।
हालांकि, विपक्ष ने मांग की है कि उपाध्यक्ष चुनने में उनकी राय का ध्यान रखा जाए। पिछले कार्यकाल में लोकसभा में कोई भी उपाध्यक्ष नहीं था।