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'ये गुगली नहीं, रॉबरी है', अजित पवार की बगावत पर शरद पवार ने कहा- बागियों के खिलाफ एक्शन लूंगा

NCP सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि यह उनके लिए कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी वह वापसी कर चुके हैं। NDA सरकार में शामिल होने पर अजित पवार समेत अन्य नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का संकेत देते हुए NCP प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि पार्टी लाइन का उल्लंघन कर शिंदे सरकार में शामिल होने वालों पर फैसला लेना होगा

Akhileshअपडेटेड Jul 02, 2023 पर 7:10 PM
'ये गुगली नहीं, रॉबरी है', अजित पवार की बगावत पर शरद पवार ने कहा- बागियों के खिलाफ एक्शन लूंगा
Maharashtra Political Crisis: अजित पवार ने रविवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजित पवार (Ajit Pawar) के एकनाथ शिंदे सरकार से हाथ मिलाने के कुछ ही घंटों बाद पार्टी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि यह उनके लिए कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी वह वापसी कर चुके हैं। NDA सरकार में शामिल होने पर अजित पवार समेत अन्य नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का संकेत देते हुए NCP प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि पार्टी लाइन का उल्लंघन कर शिंदे सरकार में शामिल होने वालों पर फैसला लेना होगा।

बता दें कि अजित पवार ने रविवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि NCP के आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इस घटनाक्रम के बाद शरद पवार ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस घटनाक्रम के बाद उनका प्रयास राज्य और देश के भीतर जितना संभव हो सके यात्रा करना और लोगों के साथ संबंध बनाना होगा।

शरद पवार ने कहा कि दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने NCP के बारे कहा था कि एनसीपी खत्म हो चुकी पार्टी है। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया। मुझे खुशी है कि मेरे कुछ साथियों ने आज शपथ ली है। उनका सरकार (महाराष्ट्र) में शामिल होने से यह स्पष्ट है कि वे सभी आरोप मुक्त हो गए हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ये गुगली नहीं है, ये रॉबरी है। ये छोटी बात नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे लेकिन उससे पहले ही कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया है। पवार ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या को मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए।

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