मनीष सिसोदिया को क्या वापस मिलेगा डिप्टी CM का पद? एक्सपर्ट बोले- पटरी पर लौट सकता है दिल्ली सरकार का कामकाज
Manish Sisodia Bail: लोकसभा के पूर्व महासचिव ने कहा, "क्योंकि केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है, इसलिए उनके पास उपराज्यपाल को सिफारिश भेजने के बाद मंत्रिपरिषद में किसी को भी मंत्री नियुक्त करने का अधिकार है। संविधान में ऐसा कुछ भी नहीं है जो उन्हें ऐसा करने से रोकता हो
मनीष सिसोदिया को क्या वापस मिलेगा डिप्टी CM का पद?
अरविंद केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद और AAP के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया करीब 17 महीनों बाद तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। उनके बाहर आने से पार्टी और दिल्ली सरकार दोनों में ही एक नई ऊर्जा देखने को मिलेगी, क्योंकि राजधानी के मुख्यमंत्री अब भी जेल में हैं। अधिकारियों और संवैधानिक विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि आगर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को उनके पिछले पद पर बहाल कर दिया जाए, तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से प्रभावित दिल्ली सरकार का कामकाज पटरी पर लौट सकता है।
सिसोदिया ने पिछले साल 28 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले उनके पास शिक्षा, वित्त, आबकारी, स्वास्थ्य और PWD समेत 18 विभागों का प्रभार था। इसके अलावा वह केजरीवाल के उपमुख्यमंत्री भी थे।
CM की गैरमौजूदगी में सिसोदिया संभालते थे काम
केजरीवाल जब कुछ दिनों के लिए विपश्यना ध्यान के सालान सेशन के लिए जाते थे, तो उनकी गैर-मौजूदगी में पूर्व उपमुख्यमंत्री ही दिल्ली सरकार का कामकाज संभालते थे।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से दर्ज आबकारी नीति से जुड़े मामलों में शुक्रवार को उन्हें जमानत दे दी।
आबकारी नीति (2021-22) बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में CBI की ओर से 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किए जाने से पहले, मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली सरकार में केजरीवाल के बाद सबसे प्रमुख नेता थे।
फिलहाल आतिशी संभाल रहीं कई जिम्मेदारियां
केजरीवाल और सिसोदिया की गैर-मौजूदगी में, एक दर्जन से ज्यादा विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहीं मंत्री आतिशी वर्तमान में अपने कैबिनेट सहयोगियों सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और इमरान हुसैन के साथ दिल्ली सरकार का कामकाज संभाल रही हैं।
AAP के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कहा, "मनीष सिसोदिया हमारे नेता हैं। वह आगे बढ़कर नेतृत्व करेंगे। हमारी सरकार के कामकाज में बाधाएं पैदा की गई हैं। उनकी रिहाई से हमें ताकत मिलेगी और शासन भी मजबूत होगा। पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति आगे की रणनीति तय करेगी।"
सिसोदिया फिर से उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं?
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा कि तकनीकी रूप से सिसोदिया फिर से उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के जेल में होने के कारण कई पेचीदगियों से निपटना होगा।
अधिकारी ने कहा, "सिसोदिया को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल करने के लिए केजरीवाल को तिहाड़ जेल से उपराज्यपाल को अपनी सिफारिश भेजनी होगी, जो फिलहाल मुश्किल लग रहा है।"
केजरीवाल कर सकते हैं सिफारिश
हालांकि, संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल अपनी सरकार में किसी को भी मंत्री के रूप में शामिल करने की सिफारिश कर सकते हैं।
लोकसभा के पूर्व महासचिव ने कहा, "क्योंकि केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है, इसलिए उनके पास उपराज्यपाल को सिफारिश भेजने के बाद मंत्रिपरिषद में किसी को भी मंत्री नियुक्त करने का अधिकार है। संविधान में ऐसा कुछ भी नहीं है जो उन्हें ऐसा करने से रोकता हो।"
आचार्य ने यह भी कहा कि अगर केजरीवाल चाहें, तो सिसोदिया को फिर से उपमुख्यमंत्री नियुक्त कर सकते हैं।
कई मामलों कोई स्पष्टता नहीं
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई मामले में केजरीवाल की जमानत याचिका हाल में खारिज कर दी थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में, AAP सरकार का शासन संबंधी नियमित मामलों में उपराज्यपाल कार्यालय और वरिष्ठ अधिकारियों से कई बार टकराव हो चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि केजरीवाल के जेल में होने के कारण सरकार के प्रोजेक्ट के पेंडिंग रहने के अलावा दिल्ली विधानसभा सत्र बुलाने और खाली पड़े मंत्री पदों पर नियुक्ति जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर भी कोई स्पष्टता नहीं है।
उनमें से एक ने कहा, "अगर सिसोदिया उपमुख्यमंत्री के तौर पर वापस आते हैं, तो स्थिति काफी अलग हो सकती है। हालांकि, अब ज्यादा समय नहीं बचा है, क्योंकि अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।"
इस बीच, एक और संवैधानिक विशेषज्ञ एस के शर्मा ने कहा कि सरकार में उपमुख्यमंत्री किसी भी दूसरे मंत्री की तरह होता है, जिसके पास कोई विशेष शक्तियां नहीं होती हैं।