Pan-India SIR: चुनाव आयोग सोमवार (27 अक्टूबर) शाम को एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है। इसमें देशव्यापी वोटर लिस्ट के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान की घोषणा किए जाने की संभावना है। बिहार में अभियान पूरा होने के बाद चुनाव आयोग की तरफ से अन्य राज्यों में भी SIR के पहले चरण की घोषणा किए जाने की संभावना है। इसमें 10 से 15 राज्य शामिल होंगे। पहले चरण में वे राज्य भी शामिल होंगे जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में अगले साल चुनाव होने हैं।
बिहार में मतदाता सूची के सफल SIR के बाद चुनाव आयोग इसे राष्ट्रीय स्तर पर कराने की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसके लिए दिल्ली में दो दिनों तक मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के लिए एक खास सेशन रखा गया। दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्ट्रोरल मैनेजमेंट में यह सम्मेलन आयोजित हुआ। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। इसमें निर्वाचन आयुक्त सुखबीर सिंह संधु और विवेक जोशी भी मौजूद थे।
सम्मेलन में SIR के लिए देशव्यापी तैयारियों की समीक्षा की गई। इस सम्मेलन में चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को उनके-अपने क्षेत्रों में एसआईआर की तैयारियों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया। आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से एसआईआर प्रक्रिया पर भी प्रजेंटेशन दी गई। इस दौरान मुख्य चुनाव अधिकारियों की तरफ से उठाए गए सवालों का भी समाधान किया गया।
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक से वोटर लिस्ट के वेरिफिकेशन के लिए एक स्पष्ट और व्यवस्थित रोडमैप तैयार हो चुका है। चुनाव आयोग का मानना है कि एक सटीक मतदाता सूची स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की नींव है। इसके लिए सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को अपनी तैयारियों को और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। चुनाव अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया न केवल आगामी चुनावों के लिए बल्कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए भी महत्वपूर्ण है।
'इंडियन एक्सप्रेस' ने सूत्रों के अनुसार बताया कि यह प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू हो सकती है। कुछ राज्यों में जहां स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं या विषम परिस्थितियां हैं, उन्हें फिलहाल इससे बाहर रखा जा सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में एसआईआर के दौरान बूथ-स्तरीय अधिकारियों (BLO) की सहायता के लिए वालंटियर की नियुक्ति कर सकता है। ये वालंटियर, मुख्यतः सरकारी कर्मचारी 1,200 से अधिक मतदाताओं वाले मतदान केंद्रों की सहायता करेंगे।
अधिकारी ने आगे कहा कि प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या की सीमा के कारण, पश्चिम बंगाल में लगभग 14,000 मतदान केंद्रों की वृद्धि हो सकती है। इससे कुल मतदान केंद्रों की संख्या 80,000 से बढ़कर लगभग 94,000 हो जाएगी।