जेल में मूड स्विंग से परेशान थे मनीष सिसोदिया! बोले- उस योद्धा की तरह महसूस कर रहा था, जिसे युद्ध लड़ने से रोक दिया

सुप्रीम कोर्ट मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को जमानत दे दी और कहा कि वह 17 महीनों से हिरासत में हैं। मनीष सिसोदिया ने कहा, "जेल में, कभी-कभी टीवी पर समाचार देखने के बाद, या अपने खुद के मामले को लेकर, या देश में सामान्य राजनीतिक चर्चा के कारण, मेरा मूड बदलता रहता था। हाथरस भगदड़ और पहलवानों के विरोध जैसी घटनाओं ने मुझे परेशान कर दिया

अपडेटेड Aug 13, 2024 पर 5:55 PM
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जेल में मूड स्विंग से परेशान थे मनीष सिसोदिया!

करीब 17 महीने बाद जेल से बाहर आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जेल में उनका मूड स्विंग होता रहता था। दिल्ली शराब नीति मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी। सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने "फर्जी आरोपों" पर 530 दिन जेल में बिताए, लेकिन इस पूरे विवाद का पॉजिटिव रिजल्ट मिला है। सुप्रीम कोर्ट मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को जमानत दे दी और कहा कि वह 17 महीनों से हिरासत में हैं। शीर्ष अदालत ने निचली अदालतों की आलोचना करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई शुरू हुए बिना लंबे समय तक जेल में रखे जाने से वह जल्द सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं।

TOI को दिए एक इंटरव्यू में मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा, "जेल में, कभी-कभी टीवी पर समाचार देखने के बाद, या अपने खुद के मामले को लेकर, या देश में सामान्य राजनीतिक चर्चा के कारण, मेरा मूड बदलता रहता था। हाथरस भगदड़ और पहलवानों के विरोध जैसी घटनाओं ने मुझे परेशान कर दिया।"

ऐसा योद्धा जो युद्ध नहीं लड़ सकता: सिसोदिया


उन्होंने कहा, "जब चुनाव चल रहे थे तो मैं जेल में था। मैं खुद को राजा रुक्मी के उस सैनिक की तरह महसूस करता था, जो युद्ध नहीं लड़ सकता था और बेचैन महसूस करता था। एक ऐसे योद्धा की भावनाओं की कल्पना करें, जिसे युद्ध होने पर अलग-थलग कर दिया गया हो। मैंने वो जीवन जीया। यह दर्दनाक था।"

बता दें कि राजा रुक्मी महाभारत का एक किरदार थे, जिन्हें किसी भी पक्ष ने अपनी तरफ नहीं लिया और वो बाड़ से युद्ध देखते थे।

दोबारा मंत्री बनने पर क्या बोले मनीष सिसोदिया?

उन्होंने TOI को बताया कि अब उनकी प्राथमिकता यह है कि AAP आगामी राज्य विधानसभा चुनाव जीते। हालांकि, सिसोदिया ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई व्यक्तिगत विचार नहीं है कि उन्हें फिर से दिल्ली सरकार में शामिल किया जाएगा या नहीं।

उन्होंने कहा, “मैं अभी बाहर आया हूं और बहुत सी चीजें समझने की कोशिश कर रहा हूं। सच तो यह है कि चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं और मुझे जो भी भूमिका सौंपी जाएगी, मैं उसे निभाऊंगा। अगर पार्टी या अरविंद जी तय करते हैं कि मुझे सरकार में शामिल होना चाहिए, तो मैं शामिल होऊंगा। मेरी प्राथमिकता यह चुनाव जीतना है।”

AAP पर मनीष सिसोदिया को गर्व

सिसोदिया ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि वह उस पार्टी से हैं, जो तब भी 'एकजुट' और 'उत्साहित' रही, जब पूरी सीनियर लीडरशिप पर हमला हो रहा था।

उन्होंने कहा, “ऐसा मुश्किल समय किसी के भी संकल्प को तोड़ सकता है, लेकिन कार्यकर्ता और नेता अपनी बात पर अड़े रहे और शासन या पार्टी को प्रभावित नहीं होने दिया। दोनों ने अपना बेस्ट प्रदर्शन किया।"

अब आगे क्या?

यह बताते हुए कि दिल्ली सरकार सीएम केजरीवाल की गैर-मौजूदगी में शासन को आगे बढ़ाने की योजना कैसे बना रही है, सिसोदिया ने कहा कि नीतिगत निर्णय लेने के लिए रेगुलर कैबिनेट मीटिंग करने की ज्यादा जरूरत नहीं है। ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स के तहत मंत्री अहम निर्णय ले सकते हैं।

अखबार से उन्होंने कहा, “नए कानून के LG को अब कुछ शक्तियां मिल गई हैं। यह असंवैधानिक है, लेकिन यह एक कानून है। अब यह सब LG पर निर्भर करता है। अगर वह सरकार में कोई काम कराना चाहते हैं, तो आसानी से करा सकते हैं और अगर वह कोई काम रोकना चाहते हैं, तो बहाना बना सकते हैं कि सीएम वहां नहीं हैं।”

सर्विस को LG के अधीन लाने के कानून के बारे में बोलते हुए, सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में नौकरशाहों को इसलिए परेशानी नहीं हो रही है, क्योंकि AAP के मंत्री कुछ गलत कर रहे हैं।

अधिकारी हमसे नहीं, वे LG से डरते हैं

वह आगे कहते हैं, “वे परेशान हैं इसलिए हैं, क्योंकि दिल्ली में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है। जब लोग सरकार चुनते हैं, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त LG अधिकारियों को धमकाते हैं, उनका ट्रांसफर करते हैं या उन्हें काम नहीं करने देते तो आप इसे लोकतंत्र नहीं कह सकते। दिल्ली में यह AAP Vs नौकरशाही नहीं है, जो कोई भी सोचता है कि लोकतंत्र के कमजोर होने से उस पर कोई असर नहीं पड़ता, दिल्ली इसका सबसे सटीत उदाहरण है...LG केवल दिल्ली के लोगों के काम रोकने के लिए जाने जाते हैं। अधिकारी हमसे नहीं डरते, वे LG से डरते हैं।"

पूर्व डिप्टी सीएम ने यह भी भरोसा जताया कि सीएम केजरीवाल जल्द ही जेल से बाहर आएंगे। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट एक कानून निर्माता की भूमिका निभा सकता है। अगर कोई संस्था, इस मामले में केंद्र सरकार, अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करती है या गलत कानून बनाती है, तो संविधान दूसरी संस्था को इसे जांचने और संतुलित करने का अधिकार देता है। जब भी केंद्र सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करती है, SC प्रभावित राज्यों या व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करता है। यही मेरे मामले में हुआ है, और मुझे यकीन है कि अगर अरविंद जी के मामले में भी होगा, तो वह जल्द ही बाहर होंगे।”

MoneyControl News

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First Published: Aug 13, 2024 4:15 PM

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