जब मनीष सिसोदिया हैं जेल से बाहर, तो केजरीवाल ने आतिशी को झंडा फहराने के लिए क्यों चुना?

Delhi Flag Hoisting: इस मामले में राजनीतिक सवाल ये भी है कि जब केजरीवाल के सबसे वफादार कहे जाने वाले मनीष सिसोदिया अब जेल से जमानत पर बाहर आ गए हैं, तो CM ने झंडा फहराने के लिए उनकी जगह आतिशी को ही क्यों चुना? इस सवाल का जवाब जानने से पहले आप इस पूरे मुद्दे को समझ लीजिए

अपडेटेड Aug 13, 2024 पर 1:38 PM
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जब मनीष सिसोदिया हैं जेल से बाहर, तो केजरीवाल ने आतिशी को झंडा फहराने के लिए क्यों चुना?

दिल्ली अब 15 अगस्त पर कौन झंडा फहराएगा? इसे लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। ये बहस तब शुरू हुई, जब सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को विभाग को निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार मंत्री आतिशी के तिरंगा फहराने के लिए बंदोबस्त किए जाएं। लेकिन GAD ने मंगलवार को कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी ओर से झंडा फहराने के लिए आतिशी को अधिकृत नहीं कर सकते। इसके लिए मंत्रालय ने नियम-कानून का भी हवाला दिया। यहां एक राजनीतिक सवाल ये भी है कि जब केजरीवाल के सबसे वफादार कहे जाने वाले मनीष सिसोदिया अब जेल से जमानत पर बाहर आ गए हैं, तो CM ने झंडा फहराने के लिए उनकी जगह आतिशी को ही क्यों चुना? इस सवाल का जवाब जानने से पहले आप इस पूरे मुद्दे को समझ लीजिए।

होता ये है कि दिल्ली के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) मंत्री गोपाल राय सोमवार को GAD को एक निर्देश देते हैं कि 15 अगस्त को दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए मंत्री आतिशी के लिए जरूरी व्यवस्था की जाए। GAD को लिखे पत्र में राय ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इच्छा जताई है कि उनकी जगह इस बार आतिशी झंडा फहराएं।

मंत्रालय ने कहा- CM का निर्देश कानूनन अवैध है


राय ने 12 अगस्त को लिखे अपने पत्र में कहा, "आज मेरी मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई। उनकी इच्छा है कि 15 अगस्त 2024 को छत्रसाल स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम में उनकी जगह मंत्री आतिशी झंडा फहराएं, तदनुसार सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएं।”

इसके अगले ही दिन मंगलवार को मंत्री के पत्र पर GAD के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी का जवाब आता है और वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री का निर्देश ‘कानूनन अवैध है और इसे अमल में नहीं लाया जा सकता।’

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, GAD अधिकारी ने यह भी कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से 6 अगस्त को उप राज्यपाल वीके सक्सेना को लिखा गया पत्र जेल नियमों के अनुसार स्वीकार्य नहीं है।

दिल्ली में कौन फहरायगा झंडा?

चौधरी ने कहा कि छत्रसाल स्टेडियम में दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री न्यायिक हिरासत में हैं और तिरंगा फहराने के लिए उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए मामले की जानकारी ‘बड़े अधिकारियों’ को दे दी गई है और अगले निर्देश का इंतजार है।

GAD अधिकारी ने LG को लिखे गए केजरीवाल के जिस पत्र का जिक्र किया उसे लेकर भी बवाल मचा है। आम आदमी पार्टी के एक पदाधिकारी ने भी बताया कि 6 अगस्त को केजरीवाल ने उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना को पत्र लिखकर कहा कि मंत्री आतिशी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी। हालांकि, LG ऑफिस ने कहा कि उसे केजरीवाल का कोई पत्र नहीं मिला है।

LG को क्यों नहीं मिला केजरीवाल का पत्र?

इस बीच 9 अगस्त को, तिहाड़ जेल परिसर में केंद्रीय जेल नंबर-2 के अधीक्षक ने केजरीवाल को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि उन्होंने LG के नाम जो पत्र भेजा था, वो जेल नियमों के खिलाफ था और इसलिए इसे आगे नहीं भेजा गया था। केजरीवाल फिलहाल जेल नंबर-2 में ही बंद हैं।

जेल नियमों का हवाला देते हुए अधीक्षक ने कहा कि, “उपरोक्त नियमों को पढ़ने से ये साफ है कि आपका कम्युनिकेशन आगे भेजा नहीं जा सकता है। केवल उन कुछ लोगों के साथ निजी पत्राचार कर सकते हैं, जिनकी अनुमति दी गई है। इसलिए, आपका दिनांक 06.08.2024 का पत्र प्राप्तकर्ता को भेजा नहीं गया है, बल्कि दाखिल किया गया है।"

दिल्ली जेल नियम, 2018 के अनुसार, हर एक कैदी को अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों और कानूनी सलाहकारों के साथ ही बातचीत करने की अनुमति है और पत्रों की कंटेंट निजी मामलों तक ही सीमित होगा।

जेल अधिकारी की केजरीवाल को दी चेतावनी

अधीक्षक ने आगे लिखा, “यह जानकर हैरानी हुई कि पत्र का कंटेंट, जो आपने 6.8.2024 को सौंपा, बिना किसी अधिकार के मीडिया में लीक हो गई। यह दिल्ली जेल नियम, 2018 के तहत आपको दिए गए विशेषाधिकारों का दुरुपयोग है। इसलिए आपको ऐसी किसी भी अस्वीकार्य गतिविधि से दूर रहने की सलाह दी जाती है, ऐसा न करने पर मैं आपके विशेषाधिकारों को कम करने के लिए दिल्ली जेल नियम, 2018 के प्रावधानों को लागू करने के लिए बाध्य हो जाऊंगा।"

इसमें जेल अधिकारी ने केजरीवाल को साफतौर पर उनके खिलाफ एक्शन लेने की चेतावनी दी है। दिल्ली मुख्यमंत्री 21 मार्च से तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें अब रद्द हो चुकी 2021-22 की शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर आरोपी बनाया गया है।

सिसोदिया की जगह आतिशी क्यों?

अब आते हैं अपने उस राजनीतिक सवाल पर कि आखिर मनीष सिसोदिया की जगह झंडा फहराने के लिए अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को ही क्यों चुना?

तो सवाल का सबसे पहला जवाब तो ये है कि केजरीवाल पहले ही ये मन बना चुके थे कि झंडा आतिशी ही फहराएं, जैसा कि उन्होंने 6 अगस्त को LG को पत्र लिखा, क्योंकि मनीष सिसोदिया उस वक्त जेल में बंद थे। मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को सुप्रीम कोर्ट से जमानत 9 अगस्त को मिली और केजरीवाल ने LG को पत्र 6 अगस्त को लिखा था।

सबसे पावरफुल मंत्री हैं आतिशी

दूसरा ये कि मनीष सिसोदिया के पास इस वक्त दिल्ली सरकार में कोई पद नहीं है। जेल जाने के बाद उन्होंने डिप्टी CM पद से भी इस्तीफा दे दिया था। सिसोदिया और केजरीवाल के जेल जाने के बाद दिल्ली में सरकार में सबसे ज्यादा विभाग आतिशी के पास ही थे।

आतिशी अकेली ऐसी महिला मंत्री हैं, जिनके पास दिल्ली सरकार में सबसे ज्यादा- 14 विभाग हैं। इसमें वित्त, शिक्षा, रेवेन्यू, पावर, सर्विस और PWD जैसे सभी बड़े विभाग शामिल हैं। इस लिहाज से भी कैबिनेट में आतिशी सबसे प्रमुख और पावरफुल मंत्री हैं।

Shubham Sharma

Shubham Sharma

First Published: Aug 13, 2024 1:28 PM

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